अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शनिवार को गुरु गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में योग का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैकड़ों लोगों के साथ योग किया। सीएम के साथ गोरखपुर सांसद रविकिशन सहित कई जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि योग भारत की सनातन ऋषि परम्परा का ऐसा मंत्र है जो कि स्वस्थ काया के साथ हमको एक स्वस्थ मस्तिष्क भी उपलब्ध करवाता है। भारतीय मनीषियों ने योग के महत्व के बारे में प्राचीन काल से ही बताया है। भारतीय मनीषियों का मानना रहा है कि शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम यानी जितने भी धर्म के साधन हैं इन सब की प्राप्ति स्वस्थ शरीर से ही की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना स्वस्थ शरीर के धर्म का भी कार्य नहीं हो सकता है। आप स्वस्थ हैं तो लोक कल्याण का भी माध्यम बनते हैं। स्वस्थ शरीर से ही कामनाओं की पूर्ति भी होती है। योग के अलग अलग आयाम देखने को मिलते हैं।भारत ने योग को आत्मकल्याण का माध्यम बनाकर लोक कल्याण के जरिये विश्व कल्याण का मार्ग भारत ने प्रशस्त किया है। आज योग विद्या को पीएम मोदी ने विश्व के कोने कोने तक पहुंचाया, भारत के आर्थिक विकास की चर्चा के साथ ही योग क्रियाओं की भी चर्चा हो रही है।
सीएम योगी ने कहा कि आज हम अपनी विधाओं को भी नहीं बचा पा रहे हैं। योग की इस विधा को दुनिया का व्यक्ति अलग-अलग नाम से पेटेंट कराता था। हमलोगों की इस विरासत से दुनिया लाभान्वित होती थी और उसका पेटेंट कराती थी। भारत उन्हीं विरासत से वंचित हो जाता था।प्रधानमंत्री के प्रयास से यूएनओ ने इसे मान्यता दी और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।
Updated on:
21 Jun 2025 09:34 am
Published on:
21 Jun 2025 09:33 am