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गोरखपुर खाद कारखाना आठ हजार करोड़ रुपए से बना, यूपी-बिहार ही नहीं नेपाल में भी दूर होगा खाद का संकट

- यूपी, बिहार ही नहीं नेपाल में अब खाद संकट नहीं रहेगा। किसानों के चेहरे अब खिलखिलाएंगे। गोरखपुर खाद कारखाना में प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया बनेगी। पीएम मोदी सात दिसम्बर को इसका लोकार्पण करने जा रहे हैं।

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आठ हजार करोड़ रुपए से बना गोरखपुर खाद कारखाना, यूपी, बिहार ही नहीं नेपाल में भी दूर होगा खाद का संकट

आठ हजार करोड़ रुपए से बना गोरखपुर खाद कारखाना, यूपी, बिहार ही नहीं नेपाल में भी दूर होगा खाद का संकट

गोरखपुर. गोरखपुर में बनी नीम कोटेड यूरिया से यूपी, बिहार ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी। पीएम नरेंद्र मोदी 7 दिसम्बर को यूपी के किसानों के लिए हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड से निर्मित गोरखपुर खाद कारखाना की सौगात देने जा रहे हैं। गोरखपुर खाद कारखाने का जन्म एक जापानी कम्पनी टोयो की मदद से वर्ष 1967-68 में हुआ था। यूपी, बिहार और बंगाल के किसानों के बीच यहां की बनी यूरिया काफी लोकप्रिय थी। पर साल 1990 में एक दुर्घटना की वजह से यह 26 साल से बंद चल रहा था। पर वर्ष 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कारखाने को नया जीवन दिया। गोरखपुर खाद कारखाने के बारे में कई रोचक जानकरियां दी।

गोरखपुर खाद कारखाने की अहम बातें :- गोरखपुर खाद कारखाने की महत्वपूर्ण बातों पर गौर करें तो इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन है। साथ ही कारखाना परिसर में 30 करोड़ की लागत से दक्षिण कोरिया निर्मित विशेष रबर से डैम बना है। यह अद्भुत किस्म का रबर है, जिस पर गोलियों का भी असर नहीं होता है।

गोरखपुर खाद कारखाने का इतिहास:- गोरखपुर में वर्ष 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। पीएम मोदी ने 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास किया।

एचयूआरएल की है संचालन की जिम्मेदारी :- यूपी सरकार के अनुसार, गोरखपुर के खाद कारखाने का संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की है। एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोपोर्रेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं। खास बात यह भी है कि यहां पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस आधारित प्लांट लगाया गया है।

गोरखपुर खाद कारखाना :- एक नजर

शिलान्यास- जुलाई 2016।
कुल बजट- करीब 8,000 करोड़ रुपए।
यूरिया प्रकार- नीम कोटेड
प्रीलिंग टावर- 149.5 मीटर ऊंचा।
रबर डैम का बजट- 30 करोड़ रुपए।
रोजगार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष- 10 हजार।
रोजाना यूरिया उत्पादन- 3,850 मीट्रिक टन।

यूपी में आने वाले माह दिसम्बर में पीएम नरेंद्र मोदी के तीन दौरे होने वाले हैं। इन दौरे में पीएम मोदी यूपी को ढेर सारे तोहफे देंगे। जानिए यूपी कब कब आने वाले हैं पीएम और क्या तोहफे देंगे...

पीएम मोदी 5 दिसम्बर प्रयागराज :- पीएम नरेंद्र मोदी पांच दिसंबर को प्रयागराज आ सकते हैं। जिला प्रशासन तैयारियां में जुटा है। चर्चा है कि पीएम मोदी यहां प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से मिलेंगे। इसमें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाली तकरीबन डेढ़ लाख महिलाओं के शामिल होने की संभावना है।

पीएम मोदी 13 दिसम्बर बनारस :- पीएम नरेंद्र मोदी 13-15 दिसंबर तक काशी में प्रवास करेंगे। 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे। दूसरे दिन भाजपा व सहयोगी दलों वाले मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। फिर देशभर के महापौर से भी रूबरू होंगे। अंतिम दिन शहंशाहपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का निरीक्षण करने के बाद सभा को संबोधित करेंगे।

पीएम मोदी 7 दिसम्बर गोरखपुर :- पीएम नरेंद्र मोदी 7 दिसंबर को गोरखपुर आएंगे। सीएम योगी के गृह जिले में गोरखपुर खाद कारखाना, एम्स गोरखपुर, आईसीएमआर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्थापित 9 हाईटेक लैब्स का लोकार्पण करेंगे।

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