
गोरक्षपीठ में शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से जारी आनुष्ठानिक कार्यक्रम गुरुवार से और विशिष्टता की ओर अग्रसर होंगे। गुरुवार से गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनवरत तीन दिन अनुष्ठान और आराधना में लीन रहेंगे।अष्टमी (गुरुवार) की शाम वह गोरक्षपीठ के पारंपरिक निशा पूजा में सम्मिलित होंगे। जबकि शुक्रवार को नवमी तिथि पर उनके द्वारा कन्या पूजन का अनुष्ठान किया जाएगा।नवरात्र की पूर्णता के बाद दशहरे के दिन गुरु गोरक्षनाथ की विशिष्ट पूजा कर गोरक्षपीठाधीश्वर, गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे।
गोरक्षपीठाधीश्वर ने शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा को गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की थी। इसके बाद के नियमित नवरात्र पूजन के अनुष्ठान उनके प्रतिनिधि के रूप में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ द्वारा किए जा रहे हैं। अष्टमी की तिथि के मान से लेकर विजयादशमी तक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ स्वयं आराधना व आनुष्ठानिक कार्यक्रमों के लिए उपस्थित रहेंगे।
गुरुवार (10 अक्टूबर) को नवरात्र की अष्टमी तिथि में गोरक्षपीठाधीश्वर विधि विधान से महानिशा पूजन व हवन कर लोक मंगल की प्रार्थना करेंगे। गोरक्षपीठ में शुक्रवार (11 अक्टूबर) को पूर्वाह्न 11 बजे से मातृ शक्ति के प्रति श्रद्धा व सम्मान के प्रतीक के रूप में कन्या पूजन का अनुष्ठान होगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्या पूजन कर मातृ शक्ति के प्रति गोरक्षपीठ की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
गोरक्षपीठाधीश्वर नौ दुर्गा स्वरूपा नौ कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगा विधि विधान से पूजन करेंगे। पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे।इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा। जबकि शनिवार (12 अक्टूबर) को गुरु गोरक्षनाथ के विशिष्ट पूजन व गोरक्षपीठाधीश्वर के तिलकोत्सव के बाद सायंकाल विजयादशमी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
Published on:
09 Oct 2024 06:34 pm
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