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गोरखपुर में बोले सीएम योगी…नए उत्तर प्रदेश में अपराध मंजूर नहीं,अपराधी को चुकानी पड़ेगी कीमत…हाइटेक फोरेंसिक लैब का किए उद्घाटन

सीएम ने 72.78 करोड़ से बने आधुनिक फोरेंसिक लैब का उद्घाटन किया। कहा, 'FSL लैब सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा है। योगी ने कहा, '8 साल में यूपी में 2 लाख 19 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई। कई राज्यों के पास इतनी फोर्स भी नहीं है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका, सीएम योगी ने किया फॉरेंसिक लैब का लोकार्पण

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज 72.78 करोड़ रुपये की लागत से बनी हाइटेक क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किए। इस दौरान सीएम ने कहा है कि फॉरेंसिक जांच से अब किसी भी आपराधिक घटना का पर्दाफाश मिनटों में हो जाएगा। गंभीर मामलों में यह जांच निर्णायक भूमिका निभाएगी।

सीएम ने छह मंजिला भवन का निरीक्षण किया

मंगलवार को शास्त्री चौक स्थित लैब का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने छह मंजिला भवन का निरीक्षण किया और सभी यूनिटों- डिजिटल फोरेंसिक, साइबर फोरेंसिक, वॉइस एनालिसिस, बैलिस्टिक जांच, विस्फोटक विश्लेषण, दस्तावेज़ व रासायनिक जांच कार्यप्रणाली की जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अपग्रेडेड लैब अब मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सर्वर और सीसीटीवी के डाटा की उन्नत रिकवरी करने में सक्षम है। यह सुविधा आतंकवाद, धमकी, फर्जीवाड़ा, संगठित अपराध और साइबर अपराध की जांच को नई गति देगी।

वर्तमान में 12 फोरेंसिक लैब, छह नई लैब हुई स्वीकृत

सीएम ने कहा कि जब भाजपा की सरकार 2017 में बनी तब प्रदेश में केवल चार फोरेंसिक लैब थीं, आज 12 हैं और छह नई स्वीकृत हो चुकी हैं। लक्ष्य है कि प्रदेश की हर रेंज में अपनी फोरेंसिक लैब हो। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता 6 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दी गई है, जो पूरे देश में रिकॉर्ड है। प्रदेश में एक लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क अपराध रोकथाम में मदद कर रहा है। सीएम ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों में सात वर्ष या उससे अधिक सजा वाले हर अपराध में फोरेंसिक जांच अनिवार्य है, इसलिए आधुनिक लैब की जरूरत और बढ़ जाती है।

पूर्वांचल के जिलों सहित नेपाल तक निभाएगी लैब महत्वपूर्ण भूमिका

गोरखपुर की नई ए-ग्रेड लैब न केवल पूर्वांचल के जिलो देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती की जरूरतें पूरी करेगी बल्कि नेपाल सीमा से जुड़े मामलों में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।लैब में स्थापित बैलिस्टिक यूनिट आग्नेय अस्त्रों की जांच को पहले से कहीं तेज बना देगी, जबकि विस्फोटक व रासायनिक विश्लेषण यूनिटें बम विस्फोट, आगजनी और रासायनिक अपराधों की तह तक पहुंचने में मदद करेंगी। वॉइस एनालिसिस यूनिट फिरौती, धमकी, उगाही और आतंकवाद से जुड़े काल की पुष्टि में अहम साबित होगी। गृह विभाग की इस परियोजना का निर्माण राजकीय निर्माण निगम ने पूरा किया है।

नवीन अरोड़ा, ADG तकनीकी सेवाएं

एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने कहा कि यह लैब गोरखपुर जोन के 11 जिलों को वैज्ञानिक जांच की मजबूत सुविधा देगी और अपराध वैज्ञानिक विश्लेषण अब कोर्ट में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करेगा।कार्यक्रम में सांसद रवि किशन,विधायक महेंद्र पाल सिंह, विधायक विमलेश पासवान, विधायक प्रदीप शुक्ला, जिला अध्यक्ष जनार्दन तिवारी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एडीजी जोन मुथा अशोक जैन मौजूद रहे।