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घने कोहरे में रेलवे ट्रैक पर अब नहीं बजेंगे पटाखे, इस तकनीकी से बढ़ गया लोको पायलटों का भरोसा…होगी सुरक्षित यात्रा

घने कोहरे में अब फॉग सेफ्टी डिवाइस के सहारे लोको पायलट को आगे आने वाले सिग्नलों और रेल ट्रैक की जानकारी मिलती है, जिससे ट्रेनें सुरक्षित गति से चल सकती हैं।

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फोटो सोर्स: इमेज, ट्रेनों में लगेंगे फाग सेफ डिवाइस

सर्दी के मौसम में गिरने वाले गहरे कोहरे से अब ट्रेनों को सिग्नल कन्फर्म में नहीं होगी कोई दिक्कत, यात्रियों की भी यात्रा सुरक्षित होने के साथ ही ट्रेनों का समय भी बचेगा।कोहरे में सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए 980 फाग सेफ डिवाइस लगाई गई हैं। लखनऊ मंडल में 315, इज्जतनगर मंडल में 250 तथा वाराणसी मंडल में 415 फॉग सेफ डिवाइस डिवाइस उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा सिग्नल पोस्टों और समपार फाटकों के बैरियर पर ल्यूमिनस स्ट्रिप लगाई गई है। सिग्नल साइटिंग बोर्ड पर लाइन मार्किंग कराई गई है।

फाग सेफ डिवाइस से सुरक्षित हुई यात्रा

NE रेलवे के CPRO पंकज सिंह ने बताया कि सभी पैसेंजर और मॉल गाड़ियों में GPS आधारित फाग सेफ डिवाइस लगाई गई है। यात्रियों की सुरक्षित एवं संरक्षित रेल यात्रा पर विशेष ध्यान है। ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लग जाने से ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी प्रति घंटा हो गई है। फाग सेफ डिवाइस के माध्यम से आने वाले सिग्नल की जानकारी मिलने से लोको पायलटों भी आश्वस्त हुए हैं। इससे एक लाभ यह भी मिला है कि अब फाग सिग्नल मैन भेज कर डेटोनेटर फोड़ने की जरूरत भी खत्म हो गई है। ट्रेनें बिना रुकावट के अपने गंतव्य को पहुंचेंगी।