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टैबलेट पाकर पीजी एवं पीएचडी छात्रों के खिले चेहरे, अबतक मिल चुके हैं 1216 छात्रों को टैबलेट

डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दूबे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों के लिए यह योजना एक बड़ा अवसर है। टैबलेट मिलने से वे अपने अध्ययन को डिजिटल प्लेटफार्म पर और भी बेहतर तरीके से जारी रख सकेंगे

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में टैबलेट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की।

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41 शोध छात्र एवं 103 पीजी छात्रों को टैबलेट वितरित

इस अवसर पर प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी एवं डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दूबे भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान 41 शोध छात्र एवं 103 पीजी छात्रों को टैबलेट वितरित किए गए। टैबलेट पाकर छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे सभी आपस में टेबलेट के उपयोग को लेकर चर्चा करते दिखे। यह बताना उल्लेखनीय है कि अबतक 1216 पीजी एवं पीएचडी के छात्रों को टैबलेट मिल चुका है।

टैबलेट का सकारात्मक उपयोग हो

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने लाभार्थी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार करने में इस तरह की योजनाएँ अत्यंत सहायक हैं। टैबलेट प्राप्त करने वाले छात्र इसे अपनी शिक्षा को उन्नत करने में प्रयोग करें और तकनीक का सदुपयोग करें। इसके साथ ही यह ध्यान रखें कि गैजेट्स उपयोग से स्वास्थ्य को कोई नुकसान ना होने पाए। टैबलेट का सकारात्मक उपयोग होना चाहिए, जिससे डिजिटल लिटरेसी बढ़ाने में मदद मिले।

प्रो पूनम टंडन, कुलपति

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के माध्यम से छात्रों को डिजिटल शिक्षा का सीधा लाभ मिल रहा है। विश्वविद्यालय इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहा है और इस सत्र लगभग सभी को लाभ मिला।

प्रो. शांतनु रस्तोगी, प्रति-कुलपति

प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा, तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता से विद्यार्थियों की शिक्षा अधिक प्रभावी होगी। यह योजना विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनकी बौद्धिक क्षमता को और अधिक विकसित करेगी।कार्यक्रम का संचालन डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया और आभार ज्ञापन प्रो धनंजय कुमार ने किया।इस दौरान प्रो सुनीता दुबे, प्रो विनीता पाठक, नोडल अधिकारी मनीष श्रीवास्तव, डॉ मनीष पांडेय, डॉ प्रियंका गौतम, डॉ साजिद आदि लोग उपस्थित रहे।