सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर और लेखक राजेश पांडेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में जबरदस्त बदलाव हुआ है। इसे समाज का हर वर्ग महसूस करता है। इस बदलाव में नए, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी और प्रौद्योगिकी का योगदान तो है ही, सबसे बड़ी भूमिका राजनीतिक इच्छाशक्ति का है। यूपी में सुरक्षा का जो सकारात्मक माहौल बना है, निश्चित ही उसमें वर्तमान नेतृत्व की दृढ़ इच्छाशक्ति भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
श्री पांडेय रविवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब की तरफ से ‘कितनी बदली कानून व्यवस्था’ विषय पर आयोजित संवादपरक विमर्श को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। यह आयोजन प्रेस क्लब ने गोरखपुर डायलॉग की संवाद श्रृंखला में किया था। विषय पर अपनी बात रखते हुए यूपी पुलिस की एसटीएफ और एटीएस के संस्थापक सदस्यों में से एक और कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का इनकाउंटर करने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्य राजेश पांडेय ने कहा कि आज प्रदेश में संगठित अपराध का भय समाज में नहीं है।
जबकि एक दौर में यह प्रदेश अपराध और माफियागिरी के चलते बदनाम था। कानून व्यवस्था के मजबूत होने से प्रदेश में विकास और निवेश भी तेजी से हुआ है। श्री पांडेय ने कहा कि कानून व्यवस्था के बदलाव में तकनीकी और प्रौद्योगिकी ने अच्छी भूमिका निभाई है। सीसीटीएनएस, इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग, सीसीटीवी के आच्छादन से क्राइम कंट्रोल में आसानी हुई है।
पिछले कुछ सालों में 72 प्रतिशत आपराधिक घटनाओं का अनावरण सीसीटीवी की मदद से हुआ है। संसधानगत तरक्की के समानांतर जो सबसे अधिक जरूरी कारक है वह है राजनीतिक इच्छाशक्ति। उन्होंने कहा कि बिना किसी राजनीतिक चश्मे के वह कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को संगठित अपराध से मुक्ति दिलाने में दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है।
2019 के बाद हाफ इनकाउंटर का जो दौर शुरू हुआ, वह इसी इच्छाशक्ति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि 2020 से 2025 के बीच यूपी में कनविक्शन (सजा दिलाने) की दर में काफी वृद्धि हुई है। पुलिस की पीआरवी का रिस्पांस टाइम काफी सुधरा है। श्री पांडेय ने कहा कि कानून व्यवस्था के आकलन का एक पैमाना जनता का सरकार पर विश्वास होता है। यह विश्वास बढा है।
पहले माफिया, अपराधी बेखौफ अपराध करते थे, जबकि आज आपराधिक प्रवृत्ति के लोग खुद ही भयभीत रहते हैं। समाज में सुरक्षा का बोध बढ़ा है और आज रात में भी लोग परिवार के साथ भयमुक्त होकर घूमते टहलते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा का माहौल को बनाने में सिस्टम को लीड कौन कर रहा है, उस पर काफी कुछ निर्भर करता है।
कार्यक्रम के दौरान राजेश पांडेय ने खुद द्वारा लिखित तीन पुस्तकें ऑपरेशन बजूका, वर्चस्व और बैज एंड बुलेट प्रेस क्लब को भेंट की। इस अवसर पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी राजेश पांडेय का स्वागत करते हुए गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के अध्यक्ष रीतेश मिश्र ने उनके व्यक्तित्व, कार्यशैली और कृतित्व पर विस्तार से जानकारी दी।
बताया कि श्री पांडेय को वीरता, कार्य उत्कृष्टता और शांति में योगदान के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार, सम्मान मिल चुका है। कार्यक्रम में श्री पांडेय ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। प्रेस क्लब कार्यकारिणी और अनेक पत्रकारों ने पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र, पुस्तक, स्मृति चिन्ह देकर राजेश पांडेय का स्वागत और अभिनंदन किया।
Updated on:
15 Jun 2025 09:48 pm
Published on:
15 Jun 2025 09:47 pm