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फरियादियों को मिली पर्ची अब तय करेगी अधिकारियों की जवाबदेही, DM गोरखपुर ने लागू किया नया सिस्टम

गोरखपुर में अब फरियादियों को अपने समस्याओं के निस्तारण के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा। DM गोरखपुर दीपक मीणा ने अब जन सुनवाई ने पर्ची व्यवस्था लागू कर दी है जिस पर एक यूनिक आईडी नंबर रहेगा, जिससे यह मालूम चल सकेगा कि प्रार्थना पत्र किस स्तर पर रुका हुआ है।

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फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, जनसुनवाई में मिली पर्ची तय करेगी अधिकारियों की जवाबदेही

गोरखपुर में जनता की समस्याओं के तत्काल निस्तारण के लिए DM दीपक मीणा ने पर्ची सिस्टम लागू किया है। अब हर व्यक्ति को डीएम से मिलने से पहले मुलाकाती पर्ची बनवानी होगी। इसके जरिए यह दर्ज होगा कि कोई फरियादी कब से अपनी समस्या के समाधान के लिए चक्कर काट रहा है। इस पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जितनी बार शिकायत लेकर कोई आएगा, उसे उतनी बार पर्ची लेनी होगी। पुरानी पर्चियां भी साथ लानी होगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि वह समस्या के निपटारा के लिए कब से प्रयास कर रहा है। फिर यह पता लगाया जाएगा कि समस्या का समाधान होने लायक है या नहीं। यदि होने लायक है तो संबधित अधिकारी से जवाब-तलब किया जाएगा।

हर पर्ची पर एक यूनिक नंबर होगा

मालूम हो कि हर पर्ची पर एक यूनिक नंबर होगा और उस पर फरियादी का नाम-पता दर्ज किया जाएगा। रजिस्टर में पूरी जानकारी लिखकर पर्ची दी जाएगी और उसके बाद ही फरियादी डीएम से मिल सकेगा। पर्ची के एक हिस्से पर फरियादी की जानकारी होगी, जबकि दूसरी ओर सरकारी योजनाओं और नए अभियानों का विवरण दर्ज होगा।

संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी

इस सिस्टम में अगर कोई फरियादी यह कहता है कि लंबे समय से दौड़ रहा है तो उससे पुरानी पर्चियां दिखाने को कहा जाएगा। उस पर्ची के नंबर के सहारे उसकी शिकायत के निपटारा की स्थिति जांची जाएगी। हर दिन आने वाले आवेदनों को आईजीआरएस पर ऑनलाइन कर दिया जाता है। उसी के सहारे निगरानी होती है। पर्ची के नंबर से उस शिकायत को ऑनलाइन ढूंढ लिया जाएगा। उसके बाद यदि वह समस्या हल होने लायक होगी और लंबे समय तक हल नहीं हुई होगी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। फरियादी की समस्या का समाधान कराया जाएगा।

दीपक मीणा, DM गोरखपुर

इस नए सिस्टम पर बताते हुए DM ने कहा कि IGRS पर हर दिन आने वाले आवेदनों को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है। अब पर्ची का नंबर डालकर संबंधित शिकायत की स्थिति आसानी से जांची जा सकेगी। जिन लोगों के पास मोबाइल पर मैसेज देखने की सुविधा नहीं है, उनके लिए यह हार्ड कॉपी काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम का सिर्फ एक मकसद है कि जल्द से जल्द पीड़ितों को न्याय मिल सके।