
गोरखपुर में एंटी करप्शन की टीम ने एक महिला दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। महिला दरोगा एक मां और बेटे से केस के विवेचना से नाम हटाने के लिए 10 हजार रुपए घूस ले रही थी। आरोपी प्रशिक्षु महिला दरोगा अंकिता पांडेय पिपराइच थाने में तैनात थी। महिला दरोगा से परेशान होकर परिवार के लोगों ने एंटी करप्शन थाने में शिकायत दर्ज कराई। शुक्रवार को रुपये लेने के दौरान महिला दारोगा के साथ दो सिपाही भी थे जो टीम को चकमा देकर फरार हो गए।
जानकारी के मुताबिक पिपराइच के बेला कांटा गांव की रहने वाली उर्मिला देवी पत्नी गोरख निषाद और उनके परिवार के खिलाफ 27 सितंबर 2024 पट्टीदारों ने मारपीट करने का केस दर्ज कराया था। इसकी विवेचना पिपराइच थाने में तैनात बिहार के भाेजपुर जिले की रहने वाली प्रशिक्षा महिला दारोगा अंकिता पांडेय को मिली थी।
उर्मिला का आरोप है कि पति गोरख, बेटे तूफानी और बेटी घटना में शामिल नहीं थे। इसका प्रमाण देने के बाद भी महिला दारोगा अंकिता पांडेय केस से नाम निकालने के लिए 10 हजार रुपये मांग रही थीं। इसकी शिकायत उन्होंने अपने अधिवक्ता के साथ एंटी करप्शन थाने में जाकर की। टीम ने छानबीन की तो मामला सही पाया।
शुक्रवार की शाम 4 बजे उर्मिला और उनके बेटे तूफानी ने महिला दारोगा से फोन पर बातचीत कर केस के संबंध में मिलने के लिए समय मांगा तो उन्होंने बेला कांटा पिकेट पर बुलाया। यहां पहुंचने पर उन्होंने जैसे ही 10 हजार रुपये का पैकेट दिया पहले से खड़ी एंटी करप्शन की टीम ने दबोच लिया। महिला दारोगा के साथ पिकेट के पास खड़े सिपाहियों भाग निकले। एंटी करप्शन की टीम ने महिला दारोगा के खिलाफ कैंट थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है।
Published on:
22 Nov 2024 10:34 pm
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