
ग्रेटर नोएडा. अथॉरिटी ने शहर मेें 100 करोड़ रुपये की घास कटवाई थी। लेकिन घास की कटाई के बिल की फाइलें अभी गायब हैं। शहर में जगह-जगह घास कटवाने के नाम पर 100 करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने खर्च किए थे। घास के बाद में एक और गड़बड़झाला सामने आया है। सीएजी की जांच में सामने आया है कि अथॉरिटी ने शहर में मच्छर मारने के लिए 100 करोड़ रुपये तो खर्च कर दिए। लेकिन बिल नहीं मिल रहे हैं। घास की तरह मच्छर मारने पर खर्च किए रुपये के बिल की फाइलें भी गायब बताई गई हैं।
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सत्ता में आने के बाद ही योगी सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में पिछली सरकारों में हुए खर्च की जांच सीएजी को सौंपी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीनों अथॉरिटी में सीएजी की टीम आॅडिट कर रही है। आॅडिट के दौरान कुछ माह पहले घास की कटाई की फाइलें गायब मिली थी। सीएजी की टीम ने मच्छर मारने की दवा के छिड़काव के संबंध में फाइलें मांगी थी। बताया गया है कि अथॉरिटी ने मच्छर मारने की दवा के छिड़काव पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
जांच में सामने आया है कि अथॉरिटी ने बगैर टेंडर के ही मच्छर मारने की दवा खरीदी थी। साथ ही मच्छर मारने वाली दवा के छिड़काव करने वाली गाड़ियों के पेट्रोल व डीजल खरीदने में भी धांधलेबाजी की गई। बताया गया है कि मच्छर मारने के लिए मशीन, पेट्रोल, डीजल, दवा आदि पर यह रकम खर्च की गई। जांच मेंं सामने आया है कि पिछले 10 साल से अधिक समय में टेंडर जारी किए बगैर ही दवा खरीद ली। जबकि नियम के अनुसार टेंडर निकालने के बाद ही दवा खरीदी जा सकती है। एसीईओ बी.के. त्रिपाठी ने बताया कि गायब फाइलों को ढूंढा जा रहा है। सीएजी की टीम को अथॉरिटी की तरफ से पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

Published on:
02 May 2018 12:13 pm
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