15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस शख्स ने किया था खुद का कत्ल

मौत का ड्रामा रचने के बाद आरटीआइ एक्टिविस्ट प्रेमिका के साथ हो गया था फरार

2 min read
Google source verification
rti

ग्रेटर नोएडा. खुद की मौत का ड्रामा रचने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट को 4 साल बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। आरटीआइ एक्टिविस्ट कार में किसी को जिंदा जलाने के बाद प्रेमिका के साथ फरार हो गया था। शादीशुदा चंद्रमोहन अपनी प्रेमिका से दूसरी शादी रचने की फिराक में था। युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मेंं पुलिस को उसके जिंदा होने का शक हो गया था। पुलिस ने खोजबीन की तो उसकी लोकेशन बंगलुरु में ट्रेस हुई। बेंगलुरु में उसने खुद की पहचान बदल दी और एक कंपनी मेंं नौकरी करने लगा। आरटीआइ एक्टिविस्ट की पत्नी सविता शर्मा आम आदमी पार्टी की नेता है।

यह भी पढ़ें: अमिताभ पर रेप की शिकायत करने वाली महिला की पुलिस ने जब्त की संपत्ति

4 साल पहले की है घटना

अल्फा-2 सेक्टर के रहने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा मूलरुप से गुडगांव का रहने वाला है। यह ग्रेटर नोेएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब किया करता था। ग्रेटर नोएडा के कासना गांव की सविता शर्मा से उसकी शादी हुई थी। इनके दो बच्चे है। 2 मई 2014 को चंद्रमोहन ने खुद की मौत का ड्रामा रचा था। एक मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यक्ति को कार में बैठा कर आग लगा दी थी। घटना के बाद में चंद्रमोहन की पत्नी ने उसकी हत्या का आरोप लगाया था। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी किया था।

प्रेमिका की गुमशुदगी के बाद पुलिस की बदल गई थी थ्योरी

घटना के बाद में कासना कोतवाली में अल्फा-2 के ही एक परिवार ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच की तो वह उसकी प्रेमिका निकली। दरअसल में दोनों के बीच में प्रेस प्रसंग के चलते चंद्रमोहन और उनकी पत्नी सविता शर्मा के बीच में झगड़ा हुआ था। यह मामला काफी चर्चा का विषय रहा था। पुलिस ने प्रेेमिका के गायब होने के एंगल पर खोजबीन करनी शुरू कर दी। चंद्रमोहन को खोज रही पुलिस को अगस्त 2014 में कामयाबी मिल गई। पुलिस ने उसे बेंगलुरु से धर—दबोचा। वह चंद्रमोहन ने अपना नाम भी बदल लिया और एक कंपनी में नौकरी करने लगा था। पुलिस ने बेंगलुरु से ही उसकी प्रेमिका को भी बरामद किया था।


इस मामले में एक आरोपी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। जबकि चंद्रमोहन 4 साल से जेल में था। हाईकोर्ट ने चंद्रमोहन को जमानत दे दी है। हालांकि मंगलवार को परवाना किसी वह से नहीं पहुंच पाने से चंद्रमोहन की रिहाई नहीं हुई थी। बुधवार को उसकी रिहाई की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें: यूपी के इस जिले में कुर्सी को लेकर दरोगाओं में हुआ दंगल