दरअसल, ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 में रहने वाली जागृति कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। जब उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी और ऑक्सीजन लेवल कम हो गया तो उसके साथी और किराएदार ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के प्रयास किया। वे उसे लेकर नोएडा के सभी अस्पतालों में घूमे, लेकिन किसी ने भी भर्ती करना तो दूर उसका इलाज तक नहीं किया। अंत में वह 12:30 बजे करीब जिम्स अस्पताल पहुंचे।
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जागृति की साथी बार-बार डॉक्टर से रिक्वेस्ट की एक बार चलके उसके मरीज को देख लें क्योंकि उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही है। लेकिन डॉक्टर राजी नहीं हुए और उसे कहीं ले जाने को कह दिया। इस सारी कवायद में 3 घंटे बीत गए और इस बीच अपनी खुद की सांसों को जागृति संभाल नहीं पाई और उसकी साँसे थम गई। जागृति की साथी ने डॉक्टरों से जाकर कहा कि उसकी हालत बेहद क्रिटिकल और सांस भी थम सी गई है। तब डॉक्टर बाहर आए जागृति का जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। यह भी पढ़ें