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सेक्टर ओमीक्रान-3 के ग्रीन बेल्ट एरिया में लोग पेड़ काट रहे थे। बताया गया है कि उसी दौरान पास से गुजर रहे एक राहगीर ने मामले की सूचना पुलिस और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अधिकारियों को दी थी। बताया गया है कि आस-पास से उस समय तक काफी पेड़ काटे जा चुके थे। पुलिस की माने तो राहगीर से सूचना मिलने के बाद में टीम मौके पर पहुंची थी। लेकिन कोई मौके पर नहीं मिला। साथ ही मौके पर कटे हुए पेड़ मिलने से भी पुलिस ने इंकार किया है। आरोेप है कि ओमीक्रान के पास में बुधवार को प्रस्तावित मेट्रो डिपो के पास में दो दर्जन से अधिक हरे पेड़ों को काट दिया गया था। ये पेड़ ग्रेनो अथॉरिटी की जमीन पर लगे हुए थे। पुलिस पर ग्रामीणों ने आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिस ने सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा कर दिया। शहर में पहले भी पेड़ कटने के मामले सामने आ चुके है। पर्यावरणविद्ध विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि सूरलपुर वेटलैंड में भी बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए थे। उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन और वन विभाग से की गई थी।
दादरी कोतवाली प्रभारी मुनीश चौहान ने बताया कि पेड़ काटने की सूचना मिली थी। मौके पर जाकर पुलिस की टीम ने जांच की थी। मौके पर न ही कटा हुआ हरा पेड़ मिला है और न ही कोई व्यक्ति पेड़ काटता हुआ।
पर्यावरणविद्ध विक्रांत तोंगड़ का कहना है कि पेड़ काटने जानकारी मिली थी। जिसके बाद वन विभाग को इस मामले में जांच कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में भले ही आए दिन नए पेड़ लगाए जा रहे है, लेकिन पुराने लगे पेड़ों की देखभाल नहीं की जा रही है। वन विभाग को इस तरह भी ध्यान देने की आवश्यकता है।