15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ईरान सेना प्रमुख: मध्यपूर्व में असुरक्षा बढ़ा रहा अमरीका, शांति बहाली का कोई इरादा नहीं

ईरान की सेना के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाकेरी ने कहा कि अमरीका मध्यपूर्व में असुरक्षा की भावना बढ़ा रहा है।

2 min read
Google source verification

image

Shiwani Singh

Jul 17, 2018

Mohammad Bakri

ईरान सेना प्रमुख: मध्यपूर्व में असुरक्षा बढ़ा रहा अमरीका, शांति बहाली का कोई इरादा नहीं

तेहरान। ईरान की सेना के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाकेरी का कहना है कि अमरीका मध्यपूर्व में असुरक्षा की भावना बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अमरीका का क्षेत्र में शांति की बहाली का कोई इरादा नहीं है। बाकेरी ने सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचने के बाद यह बयान दिया। बता दें कि वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के आमंत्रण पर पाकिस्तान पहुंचे हैं।

यह भी पढ़ें-दिल्ली: धूप-बारिश के खेल के बीच उमस भरी गर्मी जारी, पारा 28 डिग्री सेल्सियस

अमरीका ने मध्यपूर्व देशों में असुरक्षा बढ़ाई है

बाकेरी ने आगे कहा कि अमरीका उन देशों की सूची में शीर्ष पर है जिन्होंने मध्यपूर्व में असुरक्षा बढ़ाई है और वह क्षेत्र में शांति बहाली के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ईरान और पाकिस्तान सहित देशों को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के विकास के लिए अपनी भूमिकाएं निभानी चाहिए। बाकेरी ने अमरीका और ईरान के बीच सेना के विस्तार पर जोर दिया।

यह भी पढ़ें-दिल्ली: लिव इन में रहने वाली महिला मित्र का कातिल गिरफ्तार

ईरान और अमरीका के संबंधों में खट्टास

बता दें कि ईरान और अमरीका के संबंध कुछ ठीक नहीं चल रहे है। दरअसल, अमरीका ने ईरान परमाणु समझौते की सदस्यता त्याग दी है। डोनाड ट्रंप ने इस समझौते को खत्म करते हुए था कि यह समझौता ठीक नहीं है। इस समझौते से आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। समझौते से बाहर होने की बात कहने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्रंप पर इस समझौते से जुड़े रहने को दबाव बनाया था। लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना।

यह भी पढ़ें-दो दिवसीय केन्या दौरे पर बराक ओबामा, जातीय तनाव समाप्त करने की बात कही

2015 में हुआ था समझौता

औरतलब है कि जुलाई 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और यूरोपीय संघ के बीच वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुसार ईरान को अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों पर रोक लगानी है। इसके एवज में उसे अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी।