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अब सऊदी अरब में छात्र पढ़ेंगे रामायण-महाभारत, पाठ्यक्रम में बदलाव की बताई यह वजह

locationनई दिल्लीPublished: Apr 23, 2021 10:36:33 pm

Submitted by:

Mohit sharma

सऊदी अरब ने अपने यहां छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल किया है

अब सऊदी अरब में छात्र पढ़ेंगे रामायण-महाभारत, पाठ्यक्रम में बदलाव की बताई यह वजह

अब सऊदी अरब में छात्र पढ़ेंगे रामायण-महाभारत, पाठ्यक्रम में बदलाव की बताई यह वजह

नई दिल्ली। सऊदी अरब ( Saudi Arabia ) ने अपने यहां छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। सऊदी अरब ने नए पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत ( Ramayana and Mahabharata ) को शामिल किया है। सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ( Prince Mohammed bin Salman of Saudi Arabia ) ने विजन 2030 के तहत शिक्षा क्षेत्र के लिए अन्य देशों के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन को जरूरी बताया है। देश में नई शिक्षा नीति की घोषणा करते हुए बताया गया कि अब छात्रों को रामायण और महाभारत भी पढ़ाया जाएगा। शिक्षा नीति में किए गए इस बदलाव के पीछे की वजह के बारे में बताया गया कि ये अध्ययन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृतियों जैसे योग और आयुर्वेद पर केंद्रित होगा।

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सऊदी अरब में अंग्रेजी भाषा भी अनिवार्य

चौंकाने वाली बात यह है कि सऊदी अरब में नए विजन 2030 के तहत अंग्रेजी भाषा को भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस बात की जानकारी सऊदी अरब के यूजर्स में से नूफ-अल-मारवाई नाम के ट्विटर यूजन ने एक स्क्रीनशॉट शेयर करके इसकी जानकारी दी। यूजर ने लिखा कि सऊदी अरब का नया विजन 2030 के तहत पाठ्यक्रम में किया गया बदलाव एक ऐसे भविष्य के निर्माण में सहायक होगा, जो समावेशी, उदार और सहिष्णु हो। यही नहीं यूजर ने सोशल स्टडीज की किताब का स्क्रीनशॉन शेयर करते हुए लिखा किम मेरे बेटे की स्कूल परीक्षा के पाठ्यक्रम में महाभारत, रामायण, कर्म, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और धर्म से जुड़ी अवधारणाएं शामिल हैं। जिसका अध्ययन करने में मुझे काफी आनंद मिला है।

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मानव कल्याण में सहायता मिलेगी

सऊदी अरब के पाठ्यक्रम में यह भी कहा गया कि शिक्षा में हुए इस बदलाव के माध्यम से देश शिक्षित और कुशल कार्यबल का निर्माण कर वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में आगे निकल जाएगा। जिसके साथ अन्य देशों और लोगों के बीच सांस्कृतिक संवादों के माध्यम से मानव कल्याण में सहायता मिलेगी। यही वजह है कि पाठ्यक्रम में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है।

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