
Iran-US Tension: क्या 80 के दशक जैसे 'टैंकर वार' की तरफ बढ़ रहे हैं अमरीका और ईरान
नई दिल्ली। अमरीका ( America ) और ईरान ( Iran ) के बीच बढ़ते तनाव का असर अब समूचे खाड़ी क्षेत्र में दिखाई देने लगा है। खाड़ी देशों के मौजूदा हालात और एक के बाद एक तेल टैंकरों को निशाने बनाने की घटना 80 के दशक के ‘Tanker War’ की याद दिला रहा है। ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर से खाड़ी देशों में टैंकर वार छिड़ने वाला है और उसकी शुरूआत हो चुकी है।
अभी हाल ही के कुछ दिनों में दो बार ओमान की खाड़ी ( gulf of oman ) में तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया है। इन दो घटनाओं के बाद से यह सवाल वाजिब हो गया है कि क्या खाड़ी देश एक बार फिर से ‘Tanker War’ की ओर बढ़ रहे हैं?
हाल में दोनों बार तेल टैंकरों पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, हालांकि ईरान ने इन आरोपों से इनकार किया है।
ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हमले से सऊदी अरब आगबबूला, कहा- तुरंत और निर्णायक कार्रवाई हो
ईरान पर लगाया आरोप
अमरीका और ईरान के बीच तनाव के बाद बीते एक महीने के अंदर दो बार ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया है। पहली बार चार तेल टैंकरों पर हमला किया गया, जबकि दूसरी बार दो तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया। तेल टैंकरों पर हमले के बाद तेल के कच्चे तेल के दामों में चार फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी।
तेल टैंकरों पर हमले को लेकर ईरान को जिम्मेदार ठहराया गया। सऊदी अरब ने कहा कि ईरानी सेना ने इन हमलों को अंजाम दिया है। अमरीका ने भी बीते दिनों एक वीडियो जारी करते हुए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। अमरीका ने कहा था कि ईरान की रिवॉल्यूशनरी सेना ने इस हमले को अंजाम दिया है।
इससे पहले सऊदी अरब ( Saudi Arabia ) के दो तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए हमला किया गया था। इसके लिए ईरान समर्थित ओमान के हौती विद्रोहियों को जिम्मेदारी माना गया था।
सऊदी ने बदले की कार्रवाई करते हुए ओमान के कई इलाकों पर हवाई हमला कर हौती विद्रोहियों को निशाना बनाया था।
'Tanker Wars' की वापसी
दरअसल, 1980 के दशक में खाड़ी देशों के बीच आपसी झगड़ों के कारण तथाकथित टैंकर युद्ध छिड़ गया था। अनुमान के मुताबिक 1980 के दशक के अंत तक ईरान ने 160 से अधिक जहाजों (तेल टैंकरों) पर हमला किया था।
इस क्षेत्र में ईरान की भूमिगत समुद्री सुरंगों ने तेल टैंकरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। तेल टैंकरों के बचाने के लिए अमरीका ने अपने नौसैनिक जहाजों को शामिल किया, जिसके बाद फारस की खाड़ी से कुवैती तेल टैंकरों को बचाया गया।
इसके बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच युद्ध छिड़ गया। एक दिन चले इस युद्ध में अमरीका ने गलती से ईरानी यात्री जेट को मार गिराया था, जिसमें 290 लोग मारे गए थे। इसके बाद यह युद्ध समाप्त हुआ।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.
Updated on:
19 Jun 2019 10:53 am
Published on:
19 Jun 2019 07:37 am
बड़ी खबरें
View Allखाड़ी देश
विदेश
ट्रेंडिंग
