
सांसद सिंधिया ने सुनी किसानों की समस्याएं, नहीं दिख रहा किसान आंदोलन का असर
गुना। गेहूं और चना खरीदी में हुई गड़बड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन की तमाम कोशिशों और प्रयास के बाद भी चने की खरीदी के लिए एसएमएस पैसा लेकर भेजा जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला उस समय कृषि उपज मंडी में सामने आया जब केन्द्र के पूर्व मंत्री व गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंडी में चना बेचने आए किसानों से मिलने पहुंचे थे। एक नहीं कई किसानों ने खुलकर कहा कि चने खरीदी में खुलकर धांधली हो रही है। गेहूं खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। दोषी लोगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बाहर से चना यहां लाकर बेचा जा रहा है। सिंधिया ने उन किसानों के दर्द को समझा और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे इस मामले में प्रशासन से और मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगे। कलेक्टर ने अनियमितताओं के बाद आरोन खरीदी केन्द्र के मामले में जांच के आदेश दिए।
चने की पकड़ी ट्रेक्टर-ट्राली, मामला दर्ज
उधर सीधे गोदाम से भरकर समर्थन मूल्य पर चने को बेचने की फिराक में खड़े एक ट्रैक्टर-ट्राली को कृषि उपज मंडी स्थित उपासना टेड्रर्स के यहां से पकड़ी थी, जो गोदाम से भरकर बेचने के लिए मंडी लाया जा रहा था। बीते दिनों मुखबिर की सूचना पर तहसीलदार ने पकडक़र थाने पहुंचाया था, इसके बाद मंडी सचिव के आवेदन पर कैंट थाने में ट्रैक्टर चालक रामसिंह और अज्ञात गोदाम मालिक के खिलाफ धारा ४२० के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
बताया गया कि तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने ड्राइवर से पूछताछ की, तो ड्राइवर ने बताया कि वह चने सोसायटी में बेचने के लिए ले जा रहा है। इसी बीच जब उससे समर्थन मूल्य पर बेचने वाली पर्ची की जानकारी ली गई, तो वह बहाने बनाने लगा। शंका होने पर तहसीलदार ने ट्रैक्टर-ट्राली को कैंट थाने में खड़ा कराया है। वहीं जांच-पड़ताल के बाद जब ड्राइवर कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया, तो मंडी सचिव के आवेदन पर कैंट थाने में आरोपी ड्राइवर के खिलाफ धारा ४२० का मामला दर्ज कराया है।
किसान आंदोलन का कोई असर नहीं
प्रदेश व्यापी किसान आंदोलन शुक्रवार से शुरू हो गया है जो दस जून तक होना है। इस आंदोलन के पहले दिन गुना में कहीं भी इसका असर कहीं दिखाई नहीं दिया। रोजाना की तरह गुना के ग्रामीण क्षेत्र से दूध और सब्जी बिकने के लिए आती रही। किसान आंदोलन को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा बतौर कड़ी व्यवस्था कर रखी थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थों की बैठक लेते रहे। किसान आंदोलन की अगुवाई करने वालों की पुलिस तलाश करती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया।
Published on:
02 Jun 2018 10:24 am
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