
guna bjp office land controversy (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP Office Land Controversy:गुना जिले के नानाखेड़ी क्षेत्र में मंगलवार को भाजपा कार्यालय के लिए आवंटित भूमि पर पेड़ काटने के दौरान वृद्ध आदिवासी दंपती नानकराम भील और उनकी पत्नी का गुस्सा फूट पड़ा। उनके अनुसार उन्होंने इन पेड़ों की लंबी देखभाल की थी और इसे बाल स्वरूप मानकर बड़ा किया था।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पेड़ काटकर ले गए तो वे और उनका परिवार जहर खाकर अपनी जान दे देंगे। वृद्धा ने पेड़ काटने वालों पर पत्थर फेंके (stone pelting) और हाथ में पत्थर लेकर पटवारी को ढूंढ़ती रही। अफरा-तफरी के बीच महिला पुलिसकर्मी और तहसीलदार की समझाइश पर ही उनका गुस्सा शांत हुआ।
इस भूखंड पर कभी लोक निर्माण विभाग का स्टोर था। नानक राम भील परिवार के साथ यहां रहने लगे और धीरे-धीरे जमीन पर कब्जा कर लिया। वर्षों बाद 2022 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह भूखंड स्वीकृत हुआ। प्रशासनिक रिकॉर्ड के अनुसार लगभग 32 हजार वर्गफीट भूमि को जिला प्रशासन ने भाजपा कार्यालय निर्माण के लिए आवंटित किया।
कब्जाधारी परिवार को पहले भी नोटिस दिए गए थे, लेकिन विरोध के चलते कार्रवाई अधूरी रही। 22 अक्टूबर को अंतिम नोटिस जारी होने के बाद मंगलवार को एसडीएम शिवानी पाठक और तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। प्रशासन ने नानकराम के लिए तीन हजार वर्गफीट हिस्सा छोड़ दिया।
यह भूमि पंद्रह से अधिक प्रजाति के पेड़ों से भरी हुई थी। जैसे ही ठेकेदार ने पेड़ काटना शुरु किया नानकराम और परिवार विरोध करने पहुंच गए। वृद्धा ने ठेकेदार से धक्का-मुक्की की और पेड़ों पर पत्थर फेंके। उनका कहना था कि ये पेड़ उनके बच्चों जैसे हैं और उन्हें नहीं काटा जाना चाहिए। तहसीलदार ने पेड़ काटकर लकड़ी उन्हें लौटाने का भरोसा दिलाया, तब जाकर स्थिति नियंत्रित हुई। गुना शहरी तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा ने कहा कि जो पेड़ कटाए गए वे अनुपयोगी थे। नगर पालिका ने अनुमति लेकर पेड़ काटवाए और कार्य देर शाम तक जारी रहा। (MP News)
Published on:
14 Nov 2025 06:44 am
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