
guna lok sabha election 2024 result- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस की नहीं चली और सिंधिया ने अपनी पारंपरिक सीट पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) का सामने कांग्रेस कोई चुनौती पेश नहीं कर पाई। सिंधिया को कुल 923302 मिले, जबकि कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह यादव को 382373 वोट मिले। इस चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया 540929 वोटों से चुनाव जीत गए।
मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव का रिजल्ट मंगलवार चार जून को आ गया। शुरुआती मतगणना में सिंधिया आगे ही रहे। दिग्गज नेताओं के कारण कुछ सीटें हॉट सीट बन गई थी, जिन पर प्रदेश ही नहीं देश की निगाह भी लग गई थी। उनमें से एक है गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट, यहां से भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) चुनाव मैदान में थे। जबकि कांग्रेस ने राव यदुवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा था।
इस सीट पर चुनाव जीतना सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई थी। क्योंकि इसी सीट से वे पिछला चुनाव कांग्रेस में रहते हुए हार गए थे। मंगलवार शाम तक सिंधिया 540929 वोटों से आगे निकल चुके थे। जबकि कांग्रेस के यादवेंद्र राव देशराज सिंह पीछे थे। उन्हें 382373 वोट मिले थे। जबकि सिंधिया को कुल 923302 वोट मिले थे। कुल 15 प्रत्याशी मैदान में थे। इस सीट पर 9089 लोगों ने नोटा का भी प्रयोग किया है।
ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया परिवार के लिए गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है। गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत पूरा अशोकनगर जिला आता है और शिवपुरी और गुना जिले के कुछ हिस्से आते हैं। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें भी आती हैं, इनमें से दो पर कांग्रेस का कब्जा है, वहीं 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इन विधानसभा सीटों में शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, बमोरी, चंदेरी, मुंगावली, पिछोर, कोलारस शामिल हैं। अशोकनगर और बमोरी में कांग्रेस का कब्जा है। गुना संसदीय क्षेत्र में 7 मई को वोट डाले गए थे। यहां कुल 72.43 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
गुना लोकसभा सीट इसलिए भी खास है क्योंकि यह ग्वालियर संभाग में आती है और यहां पर बजरंगगढ़ नाम का स्थान है, जहां अति प्राचीन मंदिर है। इसके अलावा चंदेरी के किले भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां जागेश्वरी माता मंदिर पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। राजस्थान की सीमा से लगे इस क्षेत्र के कल्चर पर राजस्थानी छाप स्पष्ट नजर आती है।
गुना संसदीय सीट शुरू से ही सिंधिया राजघराने की मानी जाती है। लोकसभा चुनाव 2019 में सिंधिया का किला ढह गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के केपी यादव से चुनाव हार गए थे। इसके बाद सिंधिया भाजपा में आ गए। भाजपा ने उन्हें एक बार फिर गुना से मैदान में उतारा है। 1957 में पहली बार सिंधिया परिवार ने यहां से चुनाव जीता था।
ज्योतिरादित्य ने पहली बार इसी सीट से चुनाव लड़ा था, जब उनके पिता माधवराव सिंधिया की अचानक मौत हो गई थी। 2002 से 2019 तक सिंधिया यहां से लगातार सांसद रहे। 2019 में सिंधिया केपी यादव से एक लाख वोटों से हार गए थे।
राव यादवेंद्र सिंह अशोक नगर से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं। वे पहले भाजपा में थे। उनके पिता देशराज सिंह भाजपा से विधायक रह चुके हैं। 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले यादवेंद्र सिंह कांग्रेस में आ गए थे। हालांकि कुछ समय पहले यादवेंद्र सिंह को छोड़कर उनके परिवार के बाकी लोग भाजपा में शामिल हो गए थे।
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Updated on:
04 Jun 2024 06:01 pm
Published on:
21 May 2024 06:59 pm
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