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स्वच्छ सर्वेक्षण में गुना ने एक बार फिर मारी बाजी

राष्ट्रीय स्तर पर 79, तो राज्य स्तर पर 18वें नंबर पर रहा शहर

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गुना। शहरवासियों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका के लिए अच्छी खबर है। इस बार फिर से गुना शहर ने स्वच्छ सर्वेक्षण में लंबी छलांग लगाई है। शनिवार को जारी हुए परिणाम में गुना को राष्ट्रीय स्तर पर 52वीं रैंक मिली है। जबकि राज्य स्तर पर 18वीं रैंक है। गुना की स्वच्छता रैंकिंग में इस वर्ष काफी ज्यादा सुधार हुआ है। बीते साल राष्ट्रीय स्तर पर गुना की 79 रैंक और राज्य स्तर पर 28वीं रैंक थी। उल्लेखनीय है कि 382 शहरों ने इसमें भागीदारी की थी। खास बात यह है कि इस बार गुना शहर को एक स्टार भी मिल गया है। कुल परिणाम की बात की बात करें तो गुना शहर को 6000 में से 4879 अंक हांसिल हुए हैं।

बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 का परिणाम सभी के लिए उत्साहित कर देने वाला तो है लेकिन अभी भी नंबर वन बनने के लिए बहुत अधिक प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए किन क्षेत्रों में अभी हम कमजोर हैं, उसकी गहन समीक्षा की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक गुना की रैंकिंग में पिछले चार वर्षों में लगातार सुधार हुआ है। 2018 के सर्वेक्षण में गुना 229 वे नंबर पर था। 2019 में 101 अंकों की छलांग लगाते हुए रैंकिंग 128वें नंबर पर आ गई। इसके बाद 2021 के सर्वेक्षण में जिले को 79वीं रैंक हासिल हुई थी। इस बार के सर्वेक्षण में एक बार फिर गुना ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 52वीं रैंक हासिल की है। यानी कि 17 रैंक का सुधार हुआ है। प्रदेश के 28 शहरों में भी गुना जिला 18वें नंबर पर रहा।

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इन क्षेत्रों में अब भी बहुत सुधार की जरूरत

गुना शहर को प्रदेश में नंबर वन बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रशासन और नगर पालिका की टीम को अपनी कमजोरियां पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। इसके लिए वार्ड वासियों के अलावा वर्तमान और पूर्व पार्षदों का सहयोग बहुत जरूरी है। क्योंकि यही लोग कमियां और सुझाव ठीक तरह से दे सकेंगे। दूसरा सबक बारिश से लेना होगा।

इस बार और बीते साल हुई अतिवर्षा के बाद शहर के क्या हाल हुए, इसे बताने की जरूरत नहीं है। बारिश ने पानी निकासी के इंतजामों की कलई खोलकर रख दी है। एक बार इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक, पॉलीथिन को रोकने का अभियान सिर्फ कागजी स्तर तक ही सीमित है। शहर के रिहायशी इलाकों में स्वच्छंद विचरण करते शूकर और जानवर सभी को आइना दिखा रहे हैं। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के कार्य को और पुख्ता करने की जरूरत है। वर्तमान में कचरा निष्पादन का काम बहुत कमजोर है। वहीं अतिक्रमण की बात की जाए तो इस मामले में हम बहुत पीछे हैं।

गुना शहर की रैकिंग सुधार में इनका भी अहम योगदान
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में लगातार हो रहे सुधार में काफी लोगों का अहम योगदान है। बता दें कि रैंकिंग की दौड़ में गुना को तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने शामिल कराया। इसके बाद इस महायज्ञ में हर वर्ग जुड़ता जा रहा है। शुरुआत में कुछ नागरिक समूहों का गठन किया था। इन्होंने कई तरह के नवाचार किए। इसके बाद गुना का सकल समाज, व्यापारी संगठन, सभी स्कूल, नगरपालिका के अधिकारी, कर्मचारी, अन्य साथियों ने अहम सहयोग दिया। इसके बाद यह एहसास होने लगा कि हम गुना को प्रदेश के टॉप-10 शहरों में शामिल करा देंगे। तब से लगातार किए जा रहे प्रयासों के परिणाम रैंकिंग सुधार के रूप में सामने आने लगे हैं।