
Jyotiraditya Scindia instructions ignored by officials road potholes (Patrika.com)
Jyotiraditya Scindia instructions ignored by officials:गुना शहर और आसपास की सड़कों की हालत बेहद खराब है। इन सड़कों पर दुर्घटना की आशंका के साथ वाहनों में टूटफूट और खराबी तो हो ही रही है। वाहन चालक कमर और गर्दन दर्द जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में सड़कों की दशा सुधारने के लिए अफसरों ने कोई कसरत शुरु नहीं की है। जबकि पिछली बार गुना प्रवास पर आए सिंधिया ने संबंधित विभागों को शहर की सड़कों के गड्ढे (road potholes) सुधरवाने के निर्देश दिए थे। (mp news)
अनंत चतुर्दशी के मौके पर शनिवार को बुद्धि के देवता गणेशजी की प्रतिमाएं भी सिंगवासा तालाब की तरफ जाते समय इन गड्ढों से गुजरी तो वाहन के हिचकोले खाने से कुछ प्रतिमाएं गिरते-गिरते बची। ज्यादातर सड़कों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। जरा सी निगाह चुकी और गड्ढ़ों में गए। आए दिन ऐसा भी हो रहा है, जिसकी शिकायत लोग संबंधित अधिकारियों से कर रहे हैं लेकिन उन गड्डों को भर भी नहीं रहे हैं।
इस सड़क पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। उनमें बारिश का पानी भर जाने से गड्ढे दिखाई नहीं देते, जिसमें लोग गिरकर चोट खा रहे हैं। बीजी रोड से पुल और बायपास से बजरंगगढ़ बायपास भी काफी जर्जर है। महावीरपुरा रेलवे ओवरब्रिज की हालत भी ठीक नहीं हैं।
नानाखेड़ी से दो खंभा तक और मारुति शोरूम से चिंताहरण हनुमान मंदिर तक की सड़क 27 करोड़ की लागत से बनाई गई थी। यह सड़क पूरी तरह उखड़ गई, जिसे न तो ठीक कराया गया और न ही इस घोटाले की अभी तक कोई जांच शुरू हुई।
डॉ. रीतेश कांसल का कहना है कि सड़क के गड्ढ़ों में पानी भरे होने से तेज गाड़ी के साथ गिरने से कमर दर्द, पीठ दर्द और गर्दन का दर्द यानि स्पाइन की समस्या हो रही है। ऐसे मरीज प्रतिदिन जिला अस्पताल में आते रहते हैं।
यह सड़क नगरपालिका के अधीन आती है। हनुनान चौराहे से कुछ ही दूरी पर सड़क के बीचों-बीच गहरा गड्ढ़ा हो गया है। बड़े पुल से जय स्तंभ चौराहे तक की सड़क पूरी तरह छलनी हो गई है, जिस पर फिसलकर गिरना आम बात हो गई है।
सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के जख्म है। एक तरफ अतिक्रमण और टूटी सड़क है तो दूसरी तरफ गंदगी का पटाव। उधर निचला बाजार की सड़क तक एक दर्जन से अधिक गड्ढे हैं। इस रोड से प्रतिदिन नेता और अधिकारी निकलते हैं, लेकिन सड़कों को लेकर कोई चिंतित नहीं हैं।
यह राष्ट्रीय राजमार्ग है। कई स्थानों पर ती सड़क का नामोनिशान नहीं बचा है। बीच शहर से गुजरते इस रास्ते पर वाहन चलाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। तमाम अफसर रोज इस सड़क से गुजरते हैं। (mp news)
Published on:
08 Sept 2025 12:14 pm
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