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खत्म हो गया चिट्ठी वाले संदेश का दौर, डॉक विभाग ने हटाए 5 हजार लेटर बॉक्स

अभी 33,072 बचे: राज्य में तीन साल पहले 38,409 थे....

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letter boxes

ग्वालियर। उस दौर की बात ही अलग थी। चिट्ठियों में भाव और भाषा का संगम हुआ करता था। पत्र लिखते समय हम संवेदनाओं की गहराई में उतरते थे। भाषा की सौंदर्यता से भेंट होती थी। चिट्ठियों के इंतजार ने हमें संयम सीखाया लेकिन चिट्ठियों के जाने से जीवन से संयम व धैर्य खत्म हो गया है। डाक विभाग की अहमियत आज की पीढ़ी शायद ही समझे। फोन और इंटरनेट ने संदेशों का आदान-प्रदान तो आसान कर दिया मगर इंतजार और रोमांच का वो लम्हा छीन लिया।

मप्र के शहर व गांवों के मुख्य चौक-चौराहों पर लगे 5 हजार से अधिक लेटर बॉक्स पिछले तीन साल में हटा दिए गए हैं। यह आंकड़ा डाक विभाग की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में सामने आया है। 2018-2019, 2019-2020 और 2021-2022 के दौरान 5,337 लेटर बॉक्स प्रदेश के विभिन्न चौक-चौराहे और मोहल्ले से हटाए जा चुके हैं। वर्ष 2018-2019 में कुल लेटर बॉक्स की संख्या 38,409 थी, जो 2021-2022 में 31 मार्च में घटकर 33,072 रह गई। इस तरह सूबे में 5,337 लेटर बॉक्स कम हो गए हैं। यानी डाक विभाग ने इन्हेें हटा दिया है।

प्रदेश में लेटर बॉक्स की संख्या

वर्ष शहरी ग्रामीण कुल

2021-2022 3861 29211 33,072

2019-2020 3616 30075 33,691

2018-2019 4287 34122 38,409

मोबाइल-इंटरनेट का दिख रहा असर

मोबाइल और इंटरनेट के प्रचलन से आमजन में चिट्ठी-पत्री लिखने का चलन कम हुआ है। ऐसे में सूबे में लगे लेटर बॉक्स खाली पड़े रहते हैं। कुछ जगहों पर कई-कई दिनों तक लेटर बॉक्स खुलते तक नहीं हैं।

तीन साल में दो डाकघर हुए कम

तीन साल में सूबे में लेटर बॉक्स की संख्या में काफी कमी आई है, वहीं दूसरी ओर डाकघरों की संख्या में खास कमी नहीं हुई है। 2018 में प्रदेश में 8280 डाकघर थे, वहीं 2021 में इनकी संख्या 8278 थी।