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जल जीवन मिशन, रेट में हेराफेरी कर करीब 12 करोड़ का घोटाला उजागर

Jal Jeevan Mission Scam: मुरैना में तीन मामले आए सामने, मुख्य अभियंता कार्यालय ने सभी टेंडर की जांच के आदेश दिए, ठेकेदारों को पहुंचाया सीधा लाभ, कार्यपालन यंत्री ने की मनमानी

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Big Scam Exposed in Jal Jeevan Mission MP

Big Scam Exposed in Jal Jeevan Mission MP

Jal Jeevan Mission Scam: केंद्र सरकार ने गांव में हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया है, लेकिन यह मिशन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के घोटाले की भेंट चढ़ गया। फर्जी सीपेट रिपोर्ट के खुलासे के बाद टेंडर के बंदरबांट का मामला खुला है। लोवेस्ट फर्म को टेंडर दिया जाना था, लेकिन कार्य पालन यंत्री ने अपने चहेतों को उच्च रेट पर टेंडर दे दिए।

करीब 20 टेंडरों में हेराफेरी की गई है। इससे सरकार को 12 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। पीएचई के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए जिम्मेदार कार्यपालन यंत्री संतोषीलाल बाथम को तत्काल निलंबित कर अन्य जगह भेजने का प्रस्ताव भेजा है।

दरअसल गांव में ग्रामीणों के घरों तक नल से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। करीब 700 करोड़ के काम स्वीकृत हुए हैं, जिसमें पानी की टंकी, बोरवेल करना, पानी की पाइप लाइन बिछना आदि कार्य शामिल है। सीपेट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। इस घोटाले की जांच के 12 बिंदु तय किए गए। इसमें पूरी सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद टेंडर के बंदरबांट का खेल चला।


क्या है सीपेट

--केंद्र शासन ने जल जीवन मिशन के कामों की जांच की जिम्मेदारी सीपेट संस्था को दी है। इस संस्था को जल जीवन मिशन में उपयोग लिए गए सामान व मानक के अनुसार काम किया है या नहीं। इसकी रिपोर्ट पेश करनी होती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर भुगतान किया जाएगा, लेकिन ठेकेदारों ने सीपेट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर पेश कर दी।
इन टेंडरों में खुली गड़बड़ी

--निविदा क्रमांक 162 को 11 अप्रेल 2022 को संतोषी लाल राठौर ने खोला। दंडौतिया कंस्ट्रक्शन, मंगलदास बोर वेल, दीनदयाल तिवारी ने टेंडर डाले। दीनदयाल तिवारी ने 17.50 कम पर काम के रेट भरे थे, लेकिन कार्यपालन यंत्री ने कूटरचना कर दीनदयाल तिवारी का टेंडर 19.49 फीसदी कर टेंडर आवंटित कर दिया। करीब 1.73 करोड़ का शासन को नुकसान पहुंचाया।

--निविदा क्रमांक 172 का टेंडर प्रजाबंधु तिवारी को दिया। 37 लाख रुपए का काम 54 लाख रुपए में प्रजाबंधु तिवारी को दिया। करीब 17 लाख रुपए का नुकसान शासन को पहुंचाया।


इन ठेकेदारों ने फर्जी सीपेट के आधार पर लिया भुगतान

ठेकेदार - भुगतान


मैसर्स मीरा धाकड़ - 18030445
हरिसिद्धि कंस्ट्रक्शन - 1892876
मैसर्स सूरज शर्मा -1538868
प्रजाबंधू तिवारी - 830547
आर्यन कंस्ट्रक्शन -200000
राम्या कंस्ट्रक्शन -366600
मैसर्स दंडौतिया कंस्ट्रक्शन - 5755386


इनका कहना है


टेंडर में कूटरचना कर गलत तरीके से आवंटित किए गए हैं। टेंडरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने पर वास्तविक स्थिति पता चलेगी कि शासन को कितना नुकसान हुआ है। कार्यपालन यंत्री के निलंबन का प्रस्ताव भेजा है।
-आरएलएस मौर्य, मुख्य अभियंता पीएचई

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