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बुखार के साथ उल्टी, सिर और गर्दन में दर्द है तो हल्के में न लें, ये हैं दिमागी बुखार का लक्षण

सर्दी का असर कम होते ही मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। अगर आपको बुखार के साथ उल्टी, सिरदर्द , गर्दन में दर्द के साथ आंखों से देखने में दो- दो दिखता है तो ये दिमागी बुखार के लक्षण हो सकते हैं...

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सर्दी का असर कम होते ही मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। अगर आपको बुखार के साथ उल्टी, सिरदर्द , गर्दन में दर्द के साथ आंखों से देखने में दो- दो दिखता है तो यह दिमागी बुखार के लक्षण हैं। इसके साथ ही अगर झटके के साथ मिर्गी का दौरा आता है तो यह इंसेफेलाइटिस की बीमारी हो सकती है। इस तरह की बीमारी के लक्षण वाले काफी संख्या में मरीज जेएएच के न्यूरोलाजी में पहुंच रहे हैं। हालात यह हो गए है कि इन दिनों यहां पर सबसे ज्यादा भर्ती मरीज इन्हीं बीमारी के हैं।

डॉक्टरों के अनुसार इस बीमारी का समय रहते इलाज मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। कभी- कभी यह जानलेवा भी हो जाती है। न्यूरोलाजी में अभी 25 पलंग पर 30 तक मरीज भर्ती हैं, जिससे कुछ मरीजों को जमीन पर भी इलाज कराना पड़ रहा है। वहीं पिछले एक महीने की अपेक्षा यहां पर मरीज अब कम हुए हैं।

ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या भी कम

सर्दी कम होते ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या भी कम होने लगी है। दिसंबर- जनवरी में यहां हर दिन 15 मरीजों को ब्रेन हेमरेज की समस्या आ रही थी। वहीं अब ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या कम होकर 4- 5 हो गई है। न्यूरोलॉजी में इस समय 7- 8 मरीज ब्रेन हेमरेज के भर्ती है।

रखें ये सावधानी

- खान पान अच्छा और ताजा खाना खाएं ।

- दिन में फलों का सेवन करें।

- हल्का व्यायाम करें।

- सुबह शाम को सर्दी के चलते बचाव करें।

- ब्रेन हेमरेज के मरीज हुए कम

अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल जेएएच में मशीनें खराब

ग्वालियर. अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल जेएएच में आए दिन कोई न कोई समस्या बनी रहती है। कभी जांच नहीं हो रही तो कभी मशीनें खराब हैं। कभी डॉक्टर नहीं आए तो कभी मरीजों को पंलग नहीं मिल रहे। विगत कुछ दिनों से जेएएच में आने वाले मरीजों को सीटी स्कैन की सुविधा नहीं मिल रही है। इसके चलते हर दिन मरीज परेशान होकर निजी अस्पतालों में सीटी स्कैन कराने को मजबूर है। जेएएच कैंपस में लगी सीटी स्कैन पर जांच के लिए हर दिन 80 से 100 तक मरीज आते है, लेकिन दस दिन पहले खराब हुई यह मशीन अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इसके चलते दूसरे राज्यों से आने वाले मरीज भी परेशान हो रहे हैं। सीटी स्कैन के लिए यहां लंबी- लंबी वेटिंग रहती है।

इसके चलते दो से तीन दिन में मरीजों का नंबर आता है, लेकिन इन दिनों मशीन खराब होने के कारण मरीजों को निजी जांच केंद्रों पर महंगे दामों पर सीटी स्कैन कराना पड़ रही है। शहर में जेएएच के बाद जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा है। इस संबंध में जेएएच अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि जेएएच की मशीनों का मेंटेनेंस हाइट कंपनी द्वारा किया जाता है। इस कंपनी को मशीन ठीक करने के लिए कहा गया है। मशीन का पार्ट बाहर से आता है। इसलिए कुछ देरी हो रही है। जल्द ही मरीजों को सीटी स्कैन की सुविधा मिलेगी।

मायूस होकर लौटे महोबा से आए उत्तम सिंह

मंगलवार की सुबह से यहां चक्कर लगा रहे थे। इलाज के चलते डॉक्टर ने सीटी स्कैन की सलाह दी । लेकिन यहां पर सीटी स्कैन नहीं होने से परेशान होकर अब वापस लौट गए। इस तरह से हर दिन काफी संख्या में मरीज लौट रहे हैं।

इंजीनियर ने पार्ट में बताई खराबी

सीटी स्कैन मशीन के खराब होने पर संबंधित कंपनी के इंजीनियर को सूचना दी गई। सूचना के बाद इंजीनियर ने जांच में पाया कि पार्ट खराब है। बताया जाता है कि मशीन का जो पार्ट खराब है वह विदेश से आएगा। ऐसे में मशीन दुरुस्त होने में एक-दो दिन लग सकते हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पार्ट मंगाए जाने के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। पार्ट के जल्द ही आने की संभावना है।

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