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आरक्षक भर्ती घोटाला : अभ्यर्थी और सॉल्वर को चार-चार साल की सजा

सॉल्वर बैठाकर की थी आरक्षक भर्ती परीक्षा...

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विशेष सत्र न्यायालय ने आरक्षक भर्ती परीक्षा के दो दोषियों अभ्यर्थी मुनीम खान और सॉल्वर सतेंद्र जाट को चार-चार साल की सजा सुनाई है। दोनों पर 13-13 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। दोनों दोषियों को जेल भेज दिया। मुनीम के बड़े भाई को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।

व्यापमं ने 30 सितंबर 2012 को आरक्षक भर्ती परीक्षा कराई थी। इसमें मथुरा निवासी मुनीम खान ने आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था। मुरार के केंद्र पर खुद परीक्षा देने नहीं आया बल्कि अपनी जगह पर सॉल्वर सतेंद्र जाट को भेज दिया। मुनीम खान के बड़े भाई ने इस षडयंत्र को रचा था। मुनीम खान का चयन होने के बाद भिण्ड पुलिस के पास जांच पहुंची। मुनीम खान के अंगूठे का निशान लिया। ओएमआर शीट पर अंगूठा व हस्ताक्षर थे, वह मुनीम खान के अंगूठे से नहीं मिले। दोनों ही निशान भिन्न-भिन्न पाए गए।

मुनीम से पूछताछ में हुआ नामों का खुलासा
पुलिस ने मुनीम खान को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। इस फर्जीवाड़े में पंकज का नाम बताया। सह आरोपियों को गिरफ्तार किया तो सॉल्वर के रूप में सतेंद्र जाट भी आरोपी बनाया गया। पुलिस ने मुनीम खान, उसके बड़े भाई लाल मोहम्मद, सतेंद्र जाट के खिलाफ के दर्ज किया। सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर न्यायालय में चालान पेश किया। कोर्ट ने मुनीम खान व सतेंद्र जाट को दोषी मानते हुए चार-चार साल की सजा सुनाई है।

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