
ग्वालियर. वो 29 दिन तक मौत से जिंदगी की जंग लड़ती रही लेकिन आखिरकार मौत जीत गई। मामला ग्वालियर का है जहां 29 दिन पहले 4 नवंबर की रात एक महिला को उसके ही देवर ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। लपटों में घिरी महिला जान बचाने के लिए घर बाहर सड़क पर भागी तो स्थानीय लोगों ने आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था। घटना की वजह पुश्तैनी मकान का विवाद बताया गया था। मामले में आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसके ऊपर पुलिस ने 3 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया है और उसकी तलाश में जुटी हुई है।
पहले पूरी घटना जानिए...
घटना शहर के तारागंज इलाके में 4 नवंबर की रात को घटित हुई थी। तारागंज के रहने वाली 46 साल की ऊषा माहौर उस दिन अपने पुश्तैनी मकान पर पूजा करने के लिए गई थी। ऊषा के पति विनोद तीन भाई हैं और उनके बीच पुश्तैनी मकान व दुकान को लेकर विवाद चल रहा है इसलिए वो किराए के मकान में अलग रहते हैं। 4 नवंबर की रात को पूजा करने के लिए जैसे ही ऊषा पुश्तैनी मकान पर पहुंची तो वहां पर देवर मनोज आ गया और उसने बोतल में भरा पेट्रोल उस पर उड़ेल कर आग लगा दी थी। आग की लपटों में घिरी ऊषा जान बचाने के लिए घर के बाहर सड़क पर भागी तो लोग उसे देख हैरान रह गए। कुछ लोग मदद के लिए आगे आए और आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था जहां 2 दिसंबर की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मरने से पहले दिया था बयान
ऊषा ने मौत से पहले दिए गए अपने बयान में पूरी घटना बताई थी। उसने बताया था कि देवर मनोज माहौर मकान को लेकर रंजिश रखता था। वो जब पूजा करने मकान पर पहुंची तो मनोज भी आ गया और बिना कोई बातचीत किए बोतल का पेट्रोल छिड़कर उसे आग लगाकर भाग गया। मुझे आसपास कोई नहीं दिखा तो बचने के लिए सड़क पर दौड़ गई। इसके बाद बेहोश हो गई। जब होश आया तो मैं अस्पताल में थी। मेरा पूरा शरीर जला हुआ था।
Published on:
02 Dec 2022 05:25 pm
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