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फर्जी ऊर्जा मंत्री कॉल मामला: आरोपी अंकित के मोबाइल में बड़े नेताओं की जानकारी, पुलिस ने किया खुलासा

MP News: इटावा SSP को ऊर्जा मंत्री बनकर कॉल करने वाले अंकित परिहार के फोन से बड़े नेताओं की जानकारी मिली। पहले भी ऐसे खुराफात करने के मामलों में जेल जा चुका है।

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Fake Energy Minister call case Information of big politial leaders Ankit Parihar mobile MP News

Fake Energy Minister call case Information of big politial leaders Ankit Parihar mobile (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Fake Energy Minister call case: ऊर्जा मंत्री प्रद्‌युम्न सिंह तोमर के नाम से इटावा एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव पर आपराधिक मामले के जांच अधिकारी को हटाने के लिए फोन करने वाला जालसाज अंकित परिहार इटावा जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है। पुलिस का कहना है इटावा में उसकी पहचान बहरुपिए की है।

आरोपी अंकित पहले भी ऐसी हरकतों में जेल की हवा खा चुका है। सात साल पहले उसने ग्वालियर में महाराजपुरा इलाके में भी फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर धोखा देने का प्रयास किया था। तब उसने पुलिस वर्दी में सब-इंस्पेक्टर की नेमप्लेट लगाकर इंस्टाग्राम पर अपनी फोटो पोस्ट की थी।उसके मोबाइल में कई ऐसे नंबर मिले हैं जो बड़े नेताओं और अफसरों के बताए जा रहे हैं। (MP News)

यह है पूरा मामला

इटावा एसएसपी के पीआरओ अनिल यादव ने बताया, अंकित परिहार निवासी सहसो पिरौली गढ़िया (इटावा) ने धोखा देने के लिए ऊर्जा मंत्री तोमर के नाम से फर्जी ट्रू कॉलर आइडी भी बना रखी थी। वह दो दिन से खुद को मंत्री तोमर बताकर एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव को कॉल कर रहा था। शक होने पर उसके नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो यहां कालीवाह मंदिर की पता चली।

मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री का इटावा के सहसों में होने पर संदेह हुआ। इस आधार पर फोन कर वाले को तलाशा तो अंकित परिहार हाथ आ गया। पूछताछ में उसने हामी भरी कि सहसों थाने में अपराधिक मामले में अपने हिसाब से कार्रवाई चाहता था। इसके लिए पहले अपने स्तर पर हाथ पैर मारे थे। लेकिन जब काम नहीं होता दिखा तो उसने मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री के नाम का इस्तेमाल करने के लिए चाल खेली थी। (MP News)

भिंड बॉर्डर से सटा गांव, इसलिए खेला दांव

पुलिस के मुताबिक अंकित परिहार का गांव सहसों (इटावा, यूपी) भिंड के बार्डर से सटा है। भिंड में आरोपी की रिश्तेदारी है। इसलिए अक्सर उसका वहां आना जाना रहता है। इसलिए मध्यप्रदेश के मंत्री, नेताओं और अफसरों के बारे में पूरी जानकारी अपने पास रखता था।(MP News)