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‘पति मुस्कुराएगा नहीं, वेतन भी देगा…’ 5 साल कानूनी लड़ाई, तलाक पर दस्तखत करते ही मिल गए दिल

MP News : फिर बसा घर, पांच साल लड़ी कानूनी लड़ाई, तलाक पर दस्तखत करते ही एक बार फिर मिल गए दिल। 'पति मुस्कुराएगा नहीं, वेतन भी देगा...' इन शर्तों पर साथ रहने को मान गई पत्नी।

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MP News : पति पूरा वेतन देगा। उसे रोज खर्च के लिए पैसे मैं दूंगी। उसने जो प्लॉट खरीदा, उसे बंधक नहीं रखेगा। अगर रखना भी पड़े तो मेरी लिखित सहमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, मेरी बातों को सुनकर वो मुस्कुराए नहीं…।' ऐसी कई शर्तें पत्नी ने पति के सामने रखीं, जिसे पति ने मान ली और पांच साल से अलग रह रहा दंपती एक हो गया। अप्रेल से दोनों साथ रहेंगे, लेकिन अब पत्नी की बातों पर पति नहीं मुस्कुराएगा। पति - पत्नी की सुलहर का ये जानने योग्य मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में सामने आया।

ग्वालियर की एक महिला की शादी नवंबर, 2007 में हुई। पति-पत्नी के बीच कुछ समय सब कुछ ठीक रहा, लेकिन उसके बाद विवाद होने लगे। इस पर महिला ने 2020 में घर छोड़ दिया। वो बेटे को साथ ले गई और दो बेटियों को पति के पास ही छोड़ गई। इसके बाद दोनों के बीच तलाक को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।

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घंटों बहस हुई, लेकिन अंत में दिल मिल गए

हाईकोर्ट ने दोनों को मिलाने का भरसक प्रयास किया। काउंसलिंग कराई गई। यहां भी दोनों में घंटों बहस चली। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलता रहा। इस दौरान पत्नी की बातें सुन पति मुस्कुराने लगा। ये देख पत्नी और नाराज हो गई। इसके बाद सहमति से दोनों तलाक के लिए तैयार हो गए। आवेदन पर दोनों दस्तखत करने ही वाले थे, कि उससे पहले दोनों के दिल मिल गए और दोनों एक साथ रहने का तैयार हो गए।

पति ने मानी ऐसी शर्तें

-पति किराए के मकान में रहते हैं। पत्नी को साथ रखेंगे। सास साथ रहेगी।
-पति प्लॉट को बंधक नहीं रखेगा। यदि करना पड़ा तो पत्नी की लिखित सहमति लेगा।
-मकान बनाने में लोन की जरूरत तो दोनों संयुक्त रूप से लेंगे।
-संपत्ति में निवेश किया तो दोनों सहभागी होंगे।
-प्लॉट का लोन चुकाने के तीन साल बाद खुद का मकान बनाएंगे।
-हाईकोर्ट में अभी प्रकरण लंबित रखा जाएगा। दोनों हर माह अपनी इच्छा बताएंगे।