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Jyotiraditya Scindia हुए नाराज, 10 घंटे तक लिया काम का जायजा, फटकारते बोले, ‘लगाएं जुर्माना, दें रिपोर्ट’

Jyotiraditya Scindia: मल्टी लेवल कार्य की गति देख नाराज हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एलएनटी कंपनी को फटकारा, अधिकारियों को दिए जुर्माना लगाने के आदेश, बोले मैं कंपनी के चेयरमैन से बात करूंगा

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Jyotiraditya Scindia

ग्वालियर शहर में स्मार्ट सिटी वर्क के साथ ही चल रहे अन्य प्रोजेक्ट्स का जायजा लेते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।

Jyotiraditya Scindia: 'मल्टी लेवल कार पार्किंग का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। आप कंपनी पर जुर्माना लगाएं और इसकी एक रिपोर्ट मुझे दें। मैं कंपनी के चेयरमैन से बात करूंगा।' यह बात शनिवार 3 अगस्त को केंद्रीय संचार मंत्री (Union Minister for Communications) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने महाराज बाड़ा स्थित मल्टीलेवल पार्किंग (multilevel parking) के निरीक्षण के दौरान एलएनटी कंपनी(LNT Company) और स्मार्ट सिटी (Smart City) के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कही।

उन्होंने आईएसबीटी पर स्टील के गेट को बदलने के लिए भी आपत्ति जताई। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने शनिवार को ग्वालियर आकर पहले शनिचरा मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। इसके बाद शहर का 10 घंटे तक विभिन्न प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया।


मुरार नदी के कार्य को लेकर भी लगाई फटकार

पहले फेज के कार्य की टाइम लाइन दें। वह मुरार नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 22 करोड़ की लागत से चल रहे निर्माण कार्य को देखने पहुंचे, जहां अधिकारियों से कहा कि आप पहले फेज का कार्य पूरा होने की टाइम लाइन दें, और सेकंड फेज का क्या प्लान है, और क्या-क्या काम की जरूरत होगी यह बताएं।

अफसरों से कहा कि नदी का पुराना स्वरूप लौटने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। नदी के सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्य सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करें। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ग्वालियर किले को समर्पित किला द्वार के विकास कार्य का निरीक्षण कर अधिकारियों को तेजी से कार्य करने के लिए कहा।

मुरार नदी-स्वर्ण रेखा को वापस दिलाएंगे पुराना वैभव


सिंधिया ने कहा कि मुरार नदी की तर्ज पर अब हम स्वर्ण रेखा की भी सफाई कराएंगे। अब तक मुरार नदी व स्वर्ण रेखा को नाला कहकर बुलाया जाता था, उसे खत्म करते हुए नाले की जगह नदी का पुराना वैभव वापस दिलाया जाएगा।

तानसेन व जय विलास पैलेस द्वार बनकर तैयार


ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 12 करोड़ 41 करोड़ की लागत से 4 प्रवेश द्वार बनाने की स्थिति देखी। अधिकारियों ने बताया कि इन चार द्वार में से 2 द्वार तानसेन एवं जय विलास पैलेस द्वार बनकर तैयार हो गए हैं। तीसरा द्वार जो ग्वालियर किले से प्रेरित है वह अभी निर्माणाधीन है। इस दौरान उन्होंने यहां काम कर रहे चंदेरी पत्थर शिल्प कारीगरों से बातचीत कर उनके कार्य की सराहना की।

आईएसबीटी पर गेट बदलने का दिया सुझाव


आईएसबीटी (ISBT Gwalior) का निरीक्षण करते हुए कहा कि 55 करोड़ से यहां एक आलीशान बस अड्डा बनाया जा रहा है, इससे ग्वालियर अनेक शहरों से जुड़ जाएगा। उन्होंने निर्माण कंपनी द्वारा स्टील के पिलर की जगह पत्थर का गेट बनाने को लेकर बदलाव करने को कहा।लेकिन अधिकारियों ने तकनीकी रूप से ऐसा संभव न होने की स्थिति बताई। वहीं एलिवेटेड रोड के कार्य को देख उन्होंने जल्द पूरा करने के लिए कहा।

मां के नाम लगाया पेड़, श्रमदान किया

ज्योतिरादित्य सिंधिया जैन समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए और बाद में मुरार नदी में एक पेड़ मां के नाम लगाया। इस दौरान श्रमदान भी किया।

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