
सिंधिया के बोलते ही चंद घंटों में महल बन गई गरीब की झोपड़ी, ज्योतिरादित्य के सब हुए कायल
ग्वालियर। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindiah) का देश में वैसे तो हर कोई दीवाना है। लेकिन इस समय सिंधिया ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे उनके चाहने वालों की संख्या पहले से और तेजी से बढ़ रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार की सुबह 10.30 बजे प्रेस कॉन्फे्रंस में यह कहा कि भावखेड़ी (bhavkhedi family ) के पीडि़त परिवारों को शिवपुरी में शिफ्ट करवाया जाएगा। इसके बाद नगर पालिका का अमला, प्रशासन व पुलिस ने संयुक्त रूप से ऐसे प्रयास किए कि पीएसक्यू लाइन के खंडहर व गंदे पड़े दो भवनों को महज साढ़े चार घंटे में रहने लायक बनाया गया।
नपा की फायर ब्रिगेड से इन भवनों को धोकर साफ किया गया। बिजली के मीटर लगाए गए,पानी के लिए लंबे समय से खराब पड़े हैंडपंप को आनन-फानन में सुधरवाया गया। इधर, जहां प्रशासन व नगर पालिका का अमला खंडहर भवन को रहने लायक बनाते रहे, वहीं प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उस परिवार को शिवपुरी लाने के लिए भावखेड़ी रवाना हुए।
चूंकि सिंधिया कोलारस व लुकवासा से लौटकर शिवपुरी होकर करैरा निकलने वाले थे,इसलिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी पीडि़त परिवार को शिवपुरी में बसाने के लिए झोंक दी गई। दोपहर 3 बजे जब सिंधिया वापस शिवपुरी आए तो पीडि़त परिवार व उनका सामान पीएसक्यू लाइन में दिए गए अस्थाई भवन में शिफ्ट हो चुका था। यहा बता दें कि रविवार को सिंधिया ने पीडि़त परिवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की और आश्वासन दिया कि जो भी जरूरत हो, मुझे बताना।
सिंधिया ने कहा कि भावखेड़ी गांव में मैं रविवार की रात 10.30 बजे पीडि़त परिवार की झोपड़ी में गया और मृत हुए बच्चों के परिजनों से बातचीत की, जिसमें उन परिवारों ने बताया कि हमारे यहां आए तो बहुत लोग,लेकिन हमारी शिवपुरी में रहने की व्यवस्था किसी ने नहीं करवाई। बकौल सिंधिया, मैं रात में जब शिवपुरी पहुंचा तो मैंने प्रशासन के लोगों को पीडि़त परिवार के लिए शिवपुरी में रहने के लिए आवास की व्यवस्था करने के लिए कहा। महज 15 घंटे के अंदर भावखेड़ी के पीडि़त परिवार को शिवपुरी की पीएसक्यू लाइन (पुरानी पुलिस लाइन) में शिफ्ट करवाया।
साथ ही मनोज की बेटियों का स्कूल में एडमीशन कलेक्टर करवा रही हैं तथा मनोज व उसके पिता के लिए दो आवास बनवाए जाएंगे, जिसमें एक आवास तो शासन से प्रभारी मंत्री स्वीकृत करवा रहे हैं तथा दूसरे आवास के लिए मैं अपनी ओर से साढ़े पांच लाख रुपए दूंगा। सिंधिया ने कहा पीडि़त परिवार को राज्य सरकार से आवास दिलाने की बात मैंने प्रभारी मंत्री से कही है, यदि सरकार आवास नहीं दिलाती है तो मैं अपनी ओर से इस परिवार को आवास के लिए राशि दूंगा। उनके आवास बनने के बाद मैं परिवारों को उसमें शिफ्ट करवाऊंगा। सिंधिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पीडि़त परिवारों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग की। मनोज व उनके पिता को शासकीय नौकरी निश्चित हो गई है तथा पिछले 18 दिन से केस की जो चार्जशीट पेश नहीं की गई, वो सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे कोर्ट में पेश करवा दी।
Updated on:
17 Oct 2019 01:39 pm
Published on:
17 Oct 2019 01:36 pm
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