
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: जीएसटी में राहत के साथ ही त्योहारों की रौनक डबल हो गई है। बाजार भी तैयार है। लोग खरीदारी को उत्सुक हैं। ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स फ्लिपकार्ट-अमेजन समेत कई कंपनियां अपनी सालाना बड़ी सेल लेकर आई हैं। इनकी आड़ में साइबर ठग भी घात लगाकर बैठे हैं। एक्सपर्ट मानते हैं ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी का खतरा भी बढ़ेगा। लोग ऑफर की तलाश में कस्टमर केयर नंबर तलाशेंगे। ऐसे में साइबर अपराधी भी ऑनलाइन सेल की झूठी मंडी और नामी गिरामी कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम पर ठगी की प्लानिंग में रहेंगे।
साइबर अपराधी त्योहारी सीजन में मैसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर ग्रेट सेल ऑफर्स, गिफ्ट वाउचर, कूपन कोड, फ्री क्रेडिट कार्ड समेत चौंकाने वाले ऑफर का झांसा देते हैं। बातों में उलझा कर ठग उनका बैंक खाता नंबर, पासवर्ड ओटीपी और पर्सनल डिटेल पूछकर या लिंक के जरिए खाते साफ करते हैं। बचना है तो ऑफर पर बिना सोचे समझें भरोसा नहीं करें। -धर्मेन्द्र कुशवाह, निरीक्षक साइबर सेल ग्वालियर
5 हजार में कुत्ते का सौदा, खाते से डेढ़ लाख उड़ाए
कृष्णानगर निवासी रीना प्रजापति (36) को एक वेबसाइट पर डॉग बेचने का विज्ञापन दिखा तो उन्होंने संपर्क किया। 5 हजार में डॉग का सौदा हो गया। ठगों ने पैसा एडवांस मांगा। उसके लिए बारकोड भेजा। स्कैन कर ही रीना के खाते से 1.93 लाख ठगों ने उड़ा लिए। सदमे में रीना ने सुसाइड कर लिया।
फास्ट टैग रिचार्ज पड़ा भारी, 3.51 लाख उड़ाए
डबरा के फल कारोबारी दीपक चावला ने कार का फास्ट टैग ऑनलाइन रीचार्ज किया था। पैसा कटा, लेकिन मैसेज नहीं आया। शिकायत के लिए दीपक ने गूगल से फास्ट टैग का कस्टमर केयर नंबर तलाशा तो यहां ठगों का नंबर दर्ज था। ठगों ने फास्ट टैग कर्मचारी बन उनके खाते से 3.51 लाख रुपए उड़ा लिए।
कस्टमर केयर बन खाते से 15.50 लाख निकाले
हरिशंकरपुरम के देवकुंवर (61) से साइबर ठगों ने ई-कॉमर्स का कर्मचारी बनकर 15.50 लाख ठग लिए। देवकुंवर ने ऑनलाइन कपड़े खरीदे थे, कुछ कपड़े पंसद नहीं आने पर वापस करने गूगल से फ्लिपकार्ट का कस्टमर केयर नंबर ढूंढ़ा। देवकुंवर से ठगों ने फिल्पकार्टकर्मी बनकर बात की और खाते से 15.50 लाख निकाल लिए।
-ऑफिशियल ऐप और वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
-अनजान नंबर से आए ई-मेल, या मैसेज पर क्लिक न करें।
-ऑनलाइन जानकारी के लिए कंपनी की अधिकृत वेबसाइट और ऐप से संपर्क करें।
-भुगतान करते वक्त यूआरएल और सिक्योरिटी सार्टिफिकेट का ध्यान रखें।
-ओटीपी, यूपीआई पिन और बैंक का ब्यौरा किसी को न दें।
Updated on:
23 Sept 2025 01:04 pm
Published on:
23 Sept 2025 01:00 pm
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