
पिज्जा बनाने का धंधा रास नहीं आया तो काम बदल कर दोस्तों ने डेकोरेटर का काम चुना, लेकिन इसमें भी कमाई कम दिखी तो पार्ट टाइम में मोबाइल लूट शुरू की। इसमें लागत नहीं मुनाफा दिखा तो शहर में दनादन 8 लोगो से मोबाइल फोन झपटे। लूट के मोबाइल अपने परिचितों को ही बेच डाले। उनकी होशियारी की पोल एक मोबाइल की लोकेशन से खुल गई।
सुराग मिलते ही मुरार पुलिस ने घासमंडी (उपनगर ग्वालियर) का बादल माहौर और उसी बस्ती का रोहित परिहार को दबोच लिया। अब दोनों पुलिस को झपटमारी की वारदातों की गिनती गिना रहे हैं। दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया। नौवीं और दसवीं के बाद पढ़ाई में मन नहीं लगा तो काम-धंधा तलाशा। बादल माहौर पिज्जा बनाना सीख गया। कुछ दिन पिज्जा बनाकर बेचा, लेकिन काम रास नहीं आया। इसलिए धंधा बदल दिया। शादी पार्टी में डेकोरेशन का काम जमाया। इसी काम में रोहित परिहार से दोस्ती जम गई।
बिल नहीं मांगें इसलिए परिचितों को बेचे मोबाइल
बादल और रोहित ने खुलासा किया लूटपाट शौकिया तौर पर शुरू की, किसी वारदात में पकड़े नहीं गए तो धंधे में रास आ गया। लूटे मोबाइल सिर्फ परिचितों को सिर्फ दो से तीन हजार में बेचते थे। पहचान का खरीदार न तो बिल मांगता था न शक करता था। लूट की रकम से पार्टी और शौक पूरे होते थे।
सड़क पर फोन पर बात करते चल रहे लोग होते थे इनका निशाना
झपटमारों ने खुलासा किया डेकोरेशन के काम में पैसा तो मिल रहा था, सोचा थोडा और पैसा कमाया जाए तो झपटमारी शुरू की। रात को ज्यादातर डेकोरेशन का काम रहता था इसलिए दिन में लूट करते थे। दोनों वारदात के प्लान से बाइक से निकलते, सड़कों पर फोन पर बात कर चलने वालों को टारगेट कर उनके हाथ से मोबाइल छीनकर निकल जाते। लुटेरों ने शहर के लगभग सभी इलाकों से आठ मोबाइल लूटने का खुलासा किया।
चार मोबाइल फोन मिले, बाकी की तलाशदोनों झपटमारों ने शुरुआती पूछताछ में 8 फोन लूटना बताया है। उनसे चार मोबाइल फोन तो बरामद कर लिए हैं। बाकी मोबाइल फोन की तलाश है। उनकी बरामदगी के लिए लुटेरों से पूछताछ की जा रही है।
- ऋषिकेश मीणा, क्राइम ब्रांच और मुरार सर्किल एएसपी
Published on:
06 Feb 2024 10:44 am
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