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विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई। अंचल की 34 विधानसभा सीटों पर 489 उम्मीदवार जनता के दरबार में अब अपनी किस्मत आजमाएंगे। भाजपा और कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बाद भी बागियों को मनाने में नाकाम रहीं। दोनों दलों के 9 बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस ने टिकट नहीं मिलने पर इन पार्टियों के कई नेेताओं ने बगावती रुख अपना लिया था। उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस कार्यालयों पर प्रदर्शन भी हुए। लेकिन सूची में कोई परिवर्तन नहीं होने के बाद कई बगावती नेताओं ने पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लडऩे का निर्णय किया। नाम वापसी के बाद ग्वालियर अंचल के भिण्ड, मुरैना, दतिया व शिवपुरी जिले में कुल 8 बागी मैदान हैं। इनमें सबसे ज्यादा भिण्ड 4 बागी हैं। वहीं मुरैना में तीन बागी दूसरी पार्टियों से टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
भिण्ड: लहार, भिण्ड और अटेर में भाजपा को बड़ी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। लहार और भिण्ड बगावत का एक जैसा किस्सा है, जबकि अटेर में भाजपा को पहली बार बड़ी बगावत झेलनी पड़ रही है। कांग्रेस में खुलकर बगावत तो नहीं है, लेकिन भितरघात का सामना अधिकांश जगह करना पड़ रहा है। लहार और भिण्ड में बगावत का खेल पुराना है। लहार में इस चुनाव में भाजपा से बगावत कर रौन से चार बार के विधायक रसाल सिंह चुनाव मैदान में हैं। जबकि भाजपा से चुनाव लड़ रहे अंबरीश शर्मा पिछले चुनाव में भाजपा से बगावत कर बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं। इसके पहले भाजपा से बगावत कर रोमेश महंत भी बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं। यही स्थिति लगभग भिण्ड विधानसभा सीट की है।
वर्ष 2008 में भाजपा ने पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह को टिकट दिया तो भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी नरेंद्र ङ्क्षसह कुशवाह समाजवादी पार्टी से चुनाव मैदान में आए और भाजपा की हार का कारण बने। लेकिन 2013 में नरेंद्र ङ्क्षसह कुशवाह को भाजपा ने फिर टिकट दिया तो वे चुनाव जीत गए। लेकिन कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री चौधरी राकेश ङ्क्षसह को जब पार्टी ने वर्ष 2018 में भिण्ड से प्रत्याशी बनाया तो नरेंद्र ङ्क्षसह कुशवाह फिर बगावत कर गए और समाजवादी से चुनाव लड़े और बसपा यहां जीत गई। वर्ष 2013 के चुनाव में जब डॉ. रामलखन ङ्क्षसह का टिकट कटा तो उनके बेटे संजीव ङ्क्षसह कुशवाह ने बगावत कर चुनाव लड़ा। इसलिए 2018 के चुनाव में फिर नरेंद्र सिंह ने बगावत की और सपा से चुनाव लड़े और भाजपा यहां दूसरे स्थान पर रही, लेकिन हार-जीत का अंतर अब तक के इतिहास में रेकॉर्ड था। भाजपा से बगावत कर इस बार पूर्व जिलाध्यक्ष रविसेन जैन भी भिण्ड से चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2003 के चुनाव में भी वे समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर चौथे स्थान पर रह चुके हैं।
दल बदले चेहरे नहीं
लहार और भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 के ही प्रमुख प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। हालांकि उनके दल बदल गए हैं। लहार में डॉ. गोङ्क्षवद ङ्क्षसह, रसाल ङ्क्षसह एवं अंबरीश शर्मा पिछले चुनाव में भी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी थे, इस बार भी। वहीं भिण्ड में भी यही स्थिति है प्रमुख तीन प्रतिद्वंद्वी पिछली बार भी चौधरी राकेश सिंह, नरेंद्र सिंह कुशवाह एवं संजीव सिंह कुशवाह थे, इस बार भी दल बदलकर आमने-सामने हैं।
अटेर में पहली बार बड़ी बगावत
भाजपा को अटेर में पहली बार इतनी बड़ी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। दो बार विधायक रह चुके मुन्ना सिंह भदौरिया प्रबल दावेदारी के बावजूद टिकट कटने पर बगावत कर दी और समाजवादी पार्टी से चुनाव मैदान में आ गए।
मुरैना में भी इतनी बगावत
चंबल संभागीय मुख्यालय वाले मुरैनाजिले में भी इस बार खुलकर तीनों प्रमुख दलों में हो रही है। दो बार मंत्री रह चुके रुस्तक ङ्क्षसह अपने बेटे राकेश ङ्क्षसह का राजनीतिक कैरियर संवारने के लिए भाजपा से बगावत कर बसपा में जा चुके हैं। वहीं सुमावली में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी कुलदीप सिकरवार का टिकट काटकर वर्तमान विधायक अजब सिंह कुशवाह को दोबारा मैदान में उतरा तो कुलदीप बसपा से चुनाव मैदान में आ गए। जबकि बसपा से विधायक रह चुके मनीराम धाकड़ ने भी अपना टिकट कटने पर समाजवादी पार्टी से चुनाव लडऩे का निश्चय कर लिया।
सारे गुपचुप प्रयत्न विफल
नामांकन पत्रों की जांच के बाद कुल 108 प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे थे। उम्मीद थी कि निर्दलीय प्रत्याशी नाम वापस ले लेंगे। लेकिन केवल भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में एक निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी राजेश सिंह ने नाम वापस लिया है, बाकी सब मैदान में हैं।
231 निर्दलीय मैदान में सबसे ज्यादा भिंड में
शिवपुरी जिले की पांच विस में -34
श्योपुर जिले की दो विस में - 15
दतिया की तीन विस में -22
भिण्ड की पांच विस में -83
मुरैना की छह विस में -35
गुना की चार -18
अशोकनगर की तीन विस में - 24
उम्मीदवारों की संख्यामें टॉप - 5 विधानसभा
अटेर - 38
भिण्ड - 24
ग्वा.ग्रामीण - 20
ग्वालियर - 9
सेवढ़ा - 19
इन विधानसभाओं में सबसे कम उम्मीदवार
सुमावली - 8
भांडेर - 9
ग्वा. दक्षिण/करैरा - 10
सबलगढ़/अशोकनगर - 11
चुनाव मैदान में अब कितने बागी
जिला उम्मीदवार बागी
शिवपुरी - 65 - 01
मुरैना - 79 - 03
श्योपुर - 26 - 0
भिण्ड - 107 - 04
दतिया - 44 -01
ग्वालियर - 90 -00
गुना - 29 - 01
अशोकनगर - 37 -00
नाम वापसी के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में उम्मीदवार
जिला - विधानसभा - उम्मीदवार
शिवपुरी - शिवपुरी - 12
शिवपुरी - कोलारस -12
शिवपुरी - पोहरी - 15
शिवपुरी - पिछोर - 16
शिवपुरी - करैरा - 10
मुरैना - मुरैना - 18
मुरैना - सबलगढ़ - 11
मुरैना - जौरा - 15
मुरैना दिमनी 14
मुरैना सुमावली 08
श्योपुर श्योपुर 14
श्योपुर विजयपुर 12
भिण्ड भिण्ड 24
भिण्ड मेहगांव 15
भिण्ड अटेर 38
भिण्ड गोहद 15
भिण्ड लहार 15
दतिया दतिया 16
दतिया सेवढ़ा 19
दतिया भांडेर 09
ग्वालियर् ग्वालियर 19
ग्वालियर ग्वालियर पू. 15
ग्वालियर ग्वालियर द. 10
ग्वालियर ग्वालियर ग्रा. 20
ग्वालियर डबरा 14
ग्वालियर भितरवार 12
गुना बमोरी 12
गुना गुना 08
गुना चांचौड़ा 12
गुना राघौगढ़ 09
अशोकनगर अशोकनगर 11
अशोकनगर मुंगावली 14
अशोकनगर चंदेरी 12
Updated on:
04 Nov 2023 08:14 am
Published on:
04 Nov 2023 08:10 am
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