
MP High Court on Divorce Case
MP High Court on Divorce Case: शोभा शुक्ला (परिवर्तित नाम) विवाह के बाद पति के साथ 21 महीने साथ रहीं। फरवरी 2004 में पति का घर छोड़ दिया। पति पर दूसरी महिला व दहेज मांगने का आरोप लगाते हुए दूरी बनाई। इसके बाद दोनों के बीच तलाक के लिए लड़ाई शुरू हुई। पति-पत्नी के बीच 21 साल तक तलाक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी गई। अप्रैल 2025 में तलाक की डिक्री पर मुहर लग सकी। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने पत्नी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि दूसरी ओर से संबंधों का आरोप लगाकर क्रूरता की है। लंबे समय से दोनों अलग रहे रहे है। इसलिए संबंधों की पुनर्स्थापना नहीं हो सकती है।
दरअसल शोभा व गजेंद्र (परिवर्तित नाम) का विवाह अप्रेल 2002 को हुआ था। जून 2003 में एक बेटी का जन्म हुआ। इसके बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगे। पत्नी ने फरवरी 2004 में पति का घर छोड़ दिया। आरोप लगाया कि दहेज के लिए उसके साथ क्रूरता की जा रही है। पति पिटाई करता है। बेटी को अपने साथ ले गई और मायके रहने लगी। पति पर दूसरी महिला से संबंध होने के आरोप लगाए। पति ने शिवपुरी के कुटुंब न्यायालय में तलाक का आवेदन पेश किया। क्रूरता के आधार पर कुटुंब न्यायालय ने पति को तलाक की डिक्री दे दी। इस डिक्री को पत्नी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया।
Published on:
11 Apr 2025 11:48 am
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