
नाग पंचमी विशेष : ट्रक से कुचलकर हो गई थी नाग की मौत, नागिन ने भी दे दी थी उसी स्थान पर जान
ग्वालियर/ 25 जुलाई 2020 को नागपंचमी मनाई गई। इस अवसर पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाती है। पहली पूजा 24 जुलाई की रात से ही शुरु हो गई थी। शनिवार को भी भगवान नागचंद्रेश्वर पूजन हुआ। नागपंचमी के अवसर आज से पांच साल पहले साल 2015 में ग्वालियर में नाग-नागिन की एक ऐसी घटना सामने आई, जिसे जिस किसी ने भी देखा वो हैरान रह गया। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में गेट नंबर एक के पास नाग-नागिन रोड पार कर रहे थे। इसी बीच अचानक ट्रक आ गया, जिसके नीचे आने से नाग की मौत हो गई। नाग की मौत के बाद नागिन वहीं रोड पर बैठ गई। कई लोगों ने नागिन को हटाने का प्रयास किया पर नागिन टस से मस नहीं हुई।
कोई कहानी नहीं, ये है सच्ची घटना
घटना से आगरा-मुंबई राजमार्ग की है, जहां नागिन के बीच सड़क पर बैठे होने के कारण दोनों ओर लंबा जाम लग गया। लोग, नाग-नागिन के प्रेम की अनोखी घटना को देखने के लिए ब़ड़ी संख्या में मार्ग पर इकट्ठे हो गए। भारी जाम लगने की स्थिति में प्रशासन ने सांप पकड़ने वाले को बुलाया, जिसने सड़के नागिन को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया। लेकिन, हैरानी इस बात की थी कि, अगले दिन नागिन ने एक बार फिर उसी स्थान पर आ पहुंची, जहां नाग की मौत हुई थी। नागिन घटना स्थल पर पहुंची और उसने भी वहीं दम तोड़ दिया। नाग-नागिन के इस प्रेमी जोड़े का मंदिर भी बनाया गया, जहां सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था रखते हैं।
विधि-विधान से किया गया था अंतिम संस्कार
जैसे ही लोगों को शहर में इस घटना की सूचना मिली, हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। नाग-नागिन का विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया। लोग भस्म को गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए ले गए। उसके बाद वहां से श्रद्धालुओं ने सती नागिन का मंदिर बनवाया। जहां रोज़ाना उनकी पूजा की जाती है। वहीं, हर साल नागपंचमी के दिन उनकी बड़ी धूम-धाम से मेले का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने सिर्फ मंदिर के पुजारियों को ही पूजा करने की अनुमति दी थी।
Published on:
25 Jul 2020 08:38 pm
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