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NEET-UG 2024: विवादों के घेरे में नीट यूजी-2024, स्टूडेंस बोले- सरकार तुरंत ले एक्शन

NEET-UG 2024: स्टूडेंट्स बोले...... एंटी पेपर लीक कानून को और कठोर बनाने की जरूरत, एग्जाम दोबारा न हो

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NEET-UG 2024 paper leak controversy

NEET-UG 2024 paper leak controversy

NEET-UG 2024: नीट यूजी-2024 की परीक्षा विवादों के घेरे में है। पेपर लीक से जुड़े मामले देशभर से सामने आ रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए एंटी पेपर लीक कानून का जानकारों ने स्वागत किया है, हालांकि उनका कहना है कि इसके प्रावधान को और कठोर बनाने की जरूरत है।

जिन बच्चों ने नीट यूजी-2024 (NEET-UG 2024) का एग्जाम दिया था और अच्छे नंबरों से सिलेक्ट भी हुए, उनका भी यही कहना है कि एंटी पेपर लीक कानून को वर्षों पहले लागू करना चाहिए था। साथ ही वे ये भी कहते हैं कि नीट को दोबारा नहीं कराया जाना चाहिए, यदि ऐसा हुआ तो होनहार स्टूडेंट्स के संग अन्याय होगा।

रूद्रांश शर्मा, स्टूडेंट

पेपर लीक होने से परिश्रम करने वाले विद्यार्थी का आत्मविश्वास कम हो जाता है। सरकार को तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। जो बच्चे अच्छे नंबरों से सिलेक्ट हुए उन्हें काफी फील हो रहा है। जिन सेंटर पर पेपर लीक हुआ है वहां की गड़बड़ी को पकड़कर कार्रवाई होना चाहिए और जो भी आरोपी हैं उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

अनुष्का गुप्ता, स्टूडेंट

एंटी पेपर लीक कानून पर पहले ही विचार करना चाहिए था। जांच के बाद दोषियों को कड़ी सजा मिले, तो इस तरह की समस्या नहीं होगी। मेरे 673 अंक आए थे, अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एग्जाम को कैंसिल बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिए। एंटी पेपर लीक कानून को कठोर बनाने की जरूरत है।

हार्दिक बंसल, स्टूडेंट

जिन बच्चों ने मेहनत करके अच्छे नंबर लाए हैं उनको दोबारा एग्जाम देना मुश्किल हो जाएगा। अब पढ़ाई की लय टूट चुकी है, ऐसे में दोबारा एग्जाम कैसे देंगे। ऐसे में हम डीमोटिवेट हो जाते हैं। अभी तक कुछ क्लीयर नहीं किया जा रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, अच्छे मार्क्स वाले बच्चों के साथ नाइंसाफी ना हो।

स्पर्श सिंघल, स्टूडेंट

मेरे 705 अंक आए थे। पिछले वर्ष 705 अंक वाला स्टूडेंट्स 150 रैंक पर था। रिजल्ट में गड़बड़ी तो हुई है, जो लोग री नीट की मांग कर रहे हैं वो सही नहीं हैं। 24 लाख में से सिर्फ 50 हजार का सिलेक्शन होता है। पेपर लीक करने वालों को पकड़ कर उनके नंबरों की जांच होना चाहिए। एग्जाम देने वाले बच्चे मानसिक आघात में हैं।

नयन पांडे, स्टूडेंट

मेरे इस एग्जाम में 715 अंक आए थे। पेपर दोबारा होने पर बच्चे पहले जैसा परफॉर्म नहीं कर पाएंगे क्योंकि एग्जाम हुए अब दो माह का गैप हो चुका है। मुझे लगता है कि जिन लोगों ने भी इस एग्जाम में पेपर लीक की गड़बड़ी की है, सरकार को उनकी जांच करना चाहिए और इनके जरिए एग्जाम देने वालों का एग्जाम निरस्त करना चाहिए।