
खुले में शौच की हकीकत: हर घर में नहीं बन पाए शौचालय, 40 फीसदी ग्रामीण अब भी जा रहे बाहर
ग्वालियर। अधिकारियों की उदासीनता, शौचालय बनाने में घालमेल के कारण खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके ग्वालियर जिले में अब भी 40 फीसदी से अधिक ग्रामीण परिवार ऐसे हैं जो खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। 15 फीसदी परिवारों के शौचालय अभी तक पूरे नहीं बन पाए हैं, इनमें से अधिकतर को प्रोत्साहन राशि के योग्य नहीं माना गया है। जिले की 256 पंचायतों में 14120 से अधिक परिवार निवासरत हैं, जिनमें से 3 हजार से अधिक घरों में शौचालय नहीं बन पाए हैं। वहीं 40 फीसदी ग्रामीण खुले में जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में पानी नहीं है, शौचालय में जाने पर बहुत पानी डालना पड़ता है।
"गांव में शौचालय न बन पाने की वजह"
वजह-1 : नहीं मिल रहा पैसा
खुले में शौच मुक्ति के लिए 12 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के साथ शौचालय बनवाने के लिए हितग्राहियों का चिह्नित पोर्टल के माध्यम से किया गया है। पोर्टल पर दर्ज नाम वालों को ही राशि मिल रही है। जिनके सरपंच, या अन्य किसी अधिकारी के कहने पर शौचालय बनाए हैं, उनको नहीं। शिकायत लाने वालों को पोर्टल में नाम न होना कहकर टरकाया रहे हैं।
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वजह-2 : शौचालयों में घालमेल
कम पढ़े लिखे और बीपीएल श्रेणी के हितग्राहियों को शौचालय बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि देने में सचिव, रोजगार सहायक और सरपंचों ने मिलकर घालमेल किया है। खुले में शौच मुक्त जिला घोषित होने के बाद भी 11 हजार परिवारों में से लगभग 33 हजार परिवार एेसे हैं, जिनके शौचालयों में छत, प्लास्टर सहित अन्य काम पूरे नहीं किए गए।
अनियमितता : जिला मुख्यालय से नजदीक सिकरौदा पंचायत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार सरपंच हैं। यहां के हितग्राहियों ने शौचालय की राशि का भुगतान न होने की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की थी। अभी भी गांव में शौचालय के लिए 50 से अधिक गड्ढे हैं, जिन पर शौचालय नहीं बन पाए हैं। इसके अलावा बड़ की सराय, कछौआ, ऐराया, किशनपुर सहित भितरवार और बरई जनपद तथा अन्य गांवों में शत प्रतिशत शौचालय नहीं बन पाए हैं।
आदर्श गांव में भी कचरे के अंबार : खुले में शौच मुक्त जिले का तमगा हासिल करने वाले जिले के एक भी गांव ने पूर्ण स्वच्छ होने का दर्जा हासिल नहीं कर पाया है। यहां तक कि सांसद आदर्श ग्राम चीनोर में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद कचरा-कीचड़ और गंदगी से मुक्ति नहीं मिल पाई है।
Published on:
25 Jun 2018 11:57 am
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