
Gwalior: online trafficking with use of Emoji: ग्वालियर चंबल से पकाड़ाए तस्कर, इमोजी की आड़ में ऑनलाइन धंधा. (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया-Modified by patrika.com)
Gwalior Online Crime: फेसबुक, व्हाटसऐप, इंस्टाग्राम समेत सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफार्म सूचना और मनोरंजन का जरिया हैं। लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग में ये सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपराधों का अड्डा बन गए हैं। हथियार और नशा तस्कर इमोजी को डिजिटल पैडलर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस इंटेरोगेशन में हथियार तस्करों ने खुलासे किए हैं उनका धंधा तो पुराना है, लेकिन तरीका बदल गया है। ग्राहकों को हथियार की नुमाइश और डील ऑनलाइन हो रही है, इशारों के लिए इमोजी कोड वर्ड से चर्चा होती है। सौदा फाइनल होने पर माचिस और डंडों की इमोजी का उपयोग करते हैं।
सौदा तय होने के बाद सप्लायर्स के एजेंट डिलेवरी के लिए ठिकाने से बाहर निकलते हैं कुछ सप्लायर तो कूरियर से सांठगांठ कर लोकल (Gwalior-Chambal) दलालों के ठिकाने तक ही हथियार पहुंचा रहे हैं। हथियार तस्करी में पकड़े गए राम कुशवाह और विपेन्द्र सिरकवार ने भी पूछताछ में खुलासा किया था कि बड़वानी में हथियार बनाने वालों ने तीन पिस्टल और तमंचे डिलेवरी के लिए थमाए थे। इसके एवज में उन्हें कमीशन मिलना था। जबकि पहले पूरा धंधा हथियारों की डिलेवरी करने वालों पर ही टिका था। मगर अब तरीका बदल गया है। अब ग्राहक की डिमांड पर हथियार बनाने वाले सामान (हथियार), इमोजी भेजते हैं, पंसद आने पर सौदा फाइनल होता है।
हथियार तस्करी में पकड़े गए अंकित तोमर और गुलाब कोहली पुलिस को बता चुके हैं कि हथियारों की सौदेबाजी में इमोजी और कोडवडर्स का इस्तेमाल भी हो रहा है।
-12 जून: थाटीपुर दशहरा मैदान से अंबाह के शिवम तोमर को दबोचा। खंडवा से 2 पिस्टल लाया था। 2 का ऑर्डर मिला था।
-23 जुलाई: गुलाब कोहली गोला का मंदिर और अंकित तोमर अंबाह को सरला फार्म से 8 पिस्टल कारतूस समेत पकड़ा। बड़वानी से हथियार लाए थे।
-7 अप्रैल 2024: खरगोन से 9 एमएम, 32 और 30 बोर की 10 पिस्टल की तस्करी। राकेश गुर्जर चिटौली और रामवीर गुर्जर झाडौली, डबरा को पकड़ा।
-25 अक्टूबर 2024: खरगोन से 3 पिस्टल और तमंचा लेकर आए विपेन्द्र सिंह, राम कुशवाह और लवकुश बेहटा पुल से दबोचे।
पैडलर्स पूछताछ में खुलासा कर चुके हैं तस्कर से तमंचा मंगाना होता है तो डंडे का इमोजी और पिस्टल चाहिए होती है तो माचिस की इमोजी भेजते हैं। जवाब में तस्कर डंडा के इमोजी के साथ 3 या 5 लिखकर भेजता है तो, इसका मतलब है कि तमंचा तीन से पांच हजार की कीमत का है। इसके अलावा माचिस (पिस्टल) 15 से 20 लिखा जवाब मिलता है तो मतलब साफ है कि देसी पिस्टल या रिवॉल्वर की कीमत पंद्रह से बीस हजार रुपए है।
हथियारों के लिए भी सोशल मीडिया और डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए उनकी निगरानी के लिए मुखबिरों के अलावा तस्करों के मोबाइल की लोकेशन और ट्रेसिंग का सहारा भी लिया जाता है। तस्कर इसमें भी वीपीएन और फेक लोकेशन के जरिए चकमा देने की कोशिश करते हैं। पुलिस ने कई तस्करों को हथियारों की खेप के साथ पकड़ा है।
-कृष्णलाल चंदानी, एएसपी क्राइम ब्रांच
Updated on:
19 Aug 2025 01:14 pm
Published on:
19 Aug 2025 01:13 pm
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