
फोटो सोर्स: पत्रिका
IMD Weather Update: दक्षिण पश्चिम मानसून बीते दिन चंबल संभाग के भिंड व मुरैना जिले से विदा हो गया। सीजन खत्म होने के छह दिन पहले मानसून ने विदाई ली है। ग्वालियर संभाग में अगले 48 घंटे के भीतर विदाई हो सकती है, क्योंकि मानसून वापसी की अनुकूल परिस्थिति बनी हुई हैं। इस बार बारिश ने 90 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है और औसत बारिश का अटूट रिकॉर्ड बनाया है। एक अक्टूबर से सर्दी के सीजन की शुरुआत होगी, लेकिन दूसरे हफ्ते में तापमान में गिरावट आएगी। रात में ठंडक बढ़ेगी, जबकि दिन में तेज धूप रहेगी।
दरअसल ग्वालियर-चंबल संभाग में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख 24-25 जून है, लेकिन 17 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। जून, जुलाई में मानसून बिना ब्रेक के बरसा। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र ग्वालियर चंबल संभाग के ऊपर से होते हुए गुजरे, जिसकी वजह से भारी बारिश अधिक हुई। ग्वालियर में जुलाई 1935 में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। बारिश ने इस रिकॉर्ड को भी ब्रेक कर दिया। अगस्त व सितंबर में भी बारिश दर्ज हुई। इस बार के मानसून ने अंचल को निराश नहीं किया।
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह महाराष्ट्र होते हुए गुजरात की ओर जाएगा, लेकिन ग्वालियर-चंबल संभाग पर इस सिस्टम का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। नमी के कारण हल्के बादल छाएंगे। इस सिस्टम के बाद दूसरा सिस्टम भी बनेगा, लेकिन उड़ीसा पर कमजोर पड़ जाएगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में हल्के बादल छाएंगे। बादल छाने की वजह से उमस भरी गर्मी होगी।
-मानसून विदा होने के बाद हवा के रुख में बदलाव आता है। उत्तर पश्चिम हवा चलेगी, जिससे दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा, लेकिन रात के तापमान में गिरावट आएगी।
-रात के समय ओस गिरना शुरू होगी। इससे सर्दी बढ़ेगी। सुबह के समय हल्की धुंध भी दस्तक देगी।
-पश्चिमी विक्षोभ आने पर कश्मीर में बर्फबारी होगी और अंचल में सर्दी की दस्तक हो सकती है।
Published on:
25 Sept 2025 11:38 am
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