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मां-पिता से किया था वादा चैंपियन बनकर लौटूंगी, यह पल बिल्कुल सपने जैसा है

Under 19 World Cup Player Vaishnavi Sharma in Gwalior : वर्ल्ड कप चैंपियन बनकर लौटी वैष्णवी मंगलवार दोपहर को बेंगलुरु से ग्वालियर पहुंची। एयरपोर्ट पर खिलाडिय़ों ने फूलमालाओं और मिठाई खिलाकर वैष्णवी का स्वागत किया।

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Vaishnavi Sharma Team india

Vaishnavi Sharma Team india

Vaishnavi Sharma : अंडर-19 क्रिकेट महिला वर्ल्ड कप में डेब्यू करने वाली ग्वालियर की स्पिनर गेंदबाज वैष्णवी शर्मा(Under 19 World Cup Player Vaishnavi) ने कहा, सोचा नहीं था कि वर्ल्ड कप के पहले मैच में हैट्रिक लूंगी। लगातार दो विकेट लेने के बाद हैट्रिक के लिए गेंद फेंक रही थी, तक मुझे अर्जुन की तरह सिर्फ मछली की आंख के रूप में स्टंप ही दिख रहा था। मलेशिया की बल्लेबाज सिती नाजवाह के स्टंप को बिखेरकर हैट्रिक पूरी की तो मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था। यह पल एक सपने जैसा था, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगी।

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ग्वालियर लौटी वैष्णवी का जगह-जगह स्वागत

बता दें कि, वर्ल्ड कप चैंपियन बनकर लौटी वैष्णवी(Vaishnavi Sharma) मंगलवार दोपहर को बेंगलुरु से ग्वालियर पहुंची। एयरपोर्ट पर खिलाडिय़ों ने फूलमालाओं और मिठाई खिलाकर वैष्णवी का स्वागत किया। एयरपोर्ट से महलगांव स्थित घर तक जगह-जगह स्वागत हुआ। कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम पर आयोजित समारोह में जीडीसीए के अध्यक्ष प्रशांत मेहता, पूर्व सचिव रवि पाटनकर, ओमवीर सिंह, अंतरराष्ट्रीय स्कोरर सुनील गुप्ता, कोच लवकेश आदि उपस्थित रहे।

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पहले मैच में तय नहीं था खेलना

पत्रिका से विशेष बातचीत में वैष्णवी(Vaishnavi Sharma) ने बताया, वर्ल्ड कप में मलेशिया के खिलाफ पहले मैच में मेरा खेलना तय नहीं था। मैच से एक दिन पहले नेट प्रैटिक्स के दौरान कोच ने कहा, तैयार रहो, मौका मिल सकता है। यह सुनकर शरीर में जोश भर गया। रात भर सो नहीं सकी, सिर्फ कैसे बेहतर खेलना है, यह सोचती रही। मलेशिया टीम की कमजोरी स्पिनर गेंदबाज थे, इसलिए मुझे टीम में मौका मिला, जब मैदान में उतरी तो सिर्फ एक ही लक्ष्य था रन नहीं देना और सिर्फ विकेट लेना है। यही लक्ष्य लेकर खेलने उतरी और हैट्रिक भी बनाई और 5 विकेट(Under 19 World Cup Player Vaishnavi) भी लिए।

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मां-पिता से किया था वादा चैंपियन बनकर लौटूंगी

वैष्णवी बताती है कि मुझे क्रिकेटर बनाने में मेरे माता-पिता का पूरा योगदान है। आज यदि मैं यहां पहुंची हूं तो उनका संघर्ष ही है। क्रिकेट खेलने से कभी रोका नहीं। हमेशा मैदान पर साथ रहे और हौसला बढ़ाते रहे। जब वर्ल्ड कप(Under 19 World Cup Player Vaishnavi) के लिए भारतीय टीम में चयन हुआ तो पिता नरेंद्र शर्मा की खुशी का ठिकाना नहीं था। जब वर्ल्ड कप खेलने गई तो पिता ने कहा था, मौका मिला है इसको गंवाना नहीं। यह भविष्य तय करेगा। बस यदि बात गांठ बांधकर रख ली थी और कामयाबी मिल गई।

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ट्रॉफी हाथों में ली तो लगा मेहनत सफल हो गई

वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) बताती है कि फाइनल तक का सफर तय करने के बाद हौसले बुलंद हो गए थे। टीम की हर खिलाड़ी चैंपियन बनने के इरादे से मैदान में उतरी। चैंपियन बनना लक्ष्य था, लेकिन मेरे लिए वर्ल्ड कप से इमोशन जुड़े थे, इसलिए किसी भी कीमत पर ट्रॉफी भारत लाने का जुनून था। टीम की सभी खिलाडिय़ों ने बेहतर से बेहतर प्रदर्शन और हम आखिर चैंपियन बन ही गए। जीत के बाद माता-पिता से बात की तो खुशी से आंसू निकल आए। तब लगा आज मेरी मेहनत सफल हो गई।