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हापुड़ की चौंकाने वाली घटना: 50 लाख के लिए पुतले का अंतिम संस्कार; कफन में छिपे राज ने पर मचाई सनसनी

Hapur News: हापुड़ के ब्रजघाट में चार युवक चिता पर लाश की जगह प्लास्टिक का पुतला जला कर 50 लाख का इंश्योरेंस क्लेम करने की कोशिश कर रहे थे। श्मशान कर्मी के शक और पुलिस की तत्परता से यह पूरी साजिश मौके पर ही बेनकाब हो गई।

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hapur fake funeral plastic dummy 50 lakh insurance fraud exposed

हापुड़ की चौंकाने वाली घटना: Image Source - Video Grab

Fake funeral plastic dummy in Hapur: हापुड़ के ब्रजघाट श्मशान घाट पर गुरुवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब चार युवक HR नंबर की i-20 कार से एक चादर में लिपटा हुआ कथित शव लेकर पहुंचे। उन्होंने बिना चादर हटाए चिता सजाने को कहा और शव को सीधे चिता पर लिटा दिया। वहां मौजूद लोगों को यह प्रक्रिया सामान्य से अलग लगी, जिससे शक बढ़ा। जब श्मशान कर्मियों ने चादर हटाने का दबाव बनाया, तो अंदर से असली शव के बजाय एक प्लास्टिक का पुतला मिला।

श्मशान कर्मी की सूझबूझ से बच गया बड़ा फ्रॉड

श्मशान घाट पर काम करने वाले नितिन ने बताया कि युवक चादर खोलने से बच रहे थे और लगातार बहाने बना रहे थे। जब जोर दिया गया तो दोनों युवक बहस करने लगे, लेकिन अंत में चादर हटाई गई। जैसे ही प्लास्टिक के पुतले का चेहरा दिखाई दिया, पूरे घाट पर अफरा-तफरी मच गई। नितिन ने तुरंत पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस पहुंचने से पहले दो युवक मौके से भाग निकले, जबकि दो को स्थानीय लोगों की मदद से पकड़ लिया गया।

गाड़ी से मिले दो और पुतले

पुलिस जब मौके पर पहुंची और कार की तलाशी ली, तो उसमें से दो और प्लास्टिक के पुतले बरामद हुए। आरोपी शुरू में पुलिस को यह कहानी सुनाते रहे कि दिल्ली के एक अस्पताल ने उन्हें सील किया हुआ शव दिया था और वे सिर्फ अंतिम संस्कार के लिए आए थे। लेकिन पूछताछ सख्त होने पर कहानी बदलने लगी और पुलिस को उनकी बातों में कई विरोधाभास मिले।

सामने आई 50 लाख की बड़ी साजिश

हिरासत में लिए गए दिल्ली के कपड़ा व्यापारी कमल सोमानी और आशीष खुराना से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब मामला खुलकर सामने आया। कमल सोमानी ने कबूल किया कि उस पर 50 लाख का कर्ज था और वह लंबे समय से डिप्रेशन में चल रहा था। इसी से निकलने के लिए उसने इंश्योरेंस के पैसों के लालच में एक योजना बनाई थी।

जान-पहचान वाले अंशुल के नाम पर कराया बीमा

कमल ने बताया कि उसने पहले अपने जानने वाले युवक अंशुल का आधार और पैन किसी बहाने से ले लिया। उसके बाद अंशुल के नाम पर टाटा एआई का 50 लाख रुपये का बीमा करवाया और पूरे एक साल से किस्तें भर रहा था। योजना यह थी कि अंशुल की झूठी मौत दिखाकर बीमा क्लेम कर लिया जाए और पैसा खुद ले लिया जाए। इसके लिए दुकान के एक मैनक्विन को चादर में लपेटकर शव की तरह अंतिम संस्कार करने की कोशिश की गई।

पुलिस ने जीवित अंशुल से की बात

पूछताछ के दौरान पुलिस ने अंशुल से कमल के मोबाइल पर वीडियो कॉल की। उसने बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और कुछ दिनों से प्रयागराज में रह रहा है। यह पुष्टि होते ही पुलिस ने दोनों व्यापारियों को हिरासत में ले लिया। कोतवाली प्रभारी मनोज बालियान ने कहा कि हर एंगल से जांच की जा रही है और मामले में कई अहम सुरागों की पुष्टि हो चुकी है। फरार दो आरोपियों की तलाश जारी है।