
Fake Drugs: पिलखुवा के टेक्सटाइल सेंटर स्थित फैक्टरी में नकली दवाओं के भंडाफोड़ के मामले में सीडीएससीओ और औषधि विभाग की टीम ने जांच तेज कर दी है। रैकेट के तार प्रदेश के कुछ जिलों के अलावा बिहार और मध्य प्रदेश से भी जुड़ रहे हैं। फिलहाल आरोपी से पूछताछ और उसके मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल के आधार पर टीम जांच में जुटी है।
भारत सरकार के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और औषधि निरीक्षक डॉ. हिरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में टीम ने गुरुवार देर रात टेक्सटाइल सेंटर स्थित रुस्तम इंडस्ट्रीज पर छापा मारा था। यहां से टीम ने बड़ी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की थीं। इसमें जीएसके कंपनी की औगमेंटीन 625 एमजी और जाइडिस केडिला कंपनी मार्का की डेक्लोपैरा पैरासिटामोल शामिल थीं। इनमें में एंटीबॉयोटिक, बुखार, दर्द निवारक दवाएं शामिल थीं।
जांच में पता चला है कि इस पूरे मामले के तार प्रदेश के आगरा के अलावा बिहार और मध्य प्रदेश से जुड़े हैं। आरोपी अजय शर्मा ने पूछताछ में बताया था कि वह इन स्थानों पर तीन लोगों के संपर्क में था। दवाओं के लिए कच्चा माल और सप्लाई इन्हीं स्थानों पर होती थी। कॉल डिटेल के आधार पर इनकी जांच की जा रही है।
आरोपी द्वारा करीब छह माह पहले यहां सेटअप तैयार किया था और दो महीने पहले ही रुड़की से मशीनें खरीदकर यहां कार्य शुरू किया था। आरोपी के पास से दो मोबाइल भी बरामद हुआ है। लेकिन इन दोनों मोबाइलों में मात्र चार या पांच नंबर ही सेव मिले हैं। ये नंबर भी आरोपी के परिवार के हैं। ऐसे में शातिर बिना नंबर सेव किए ही इन मोबाइल फोनों से लोगों से बात करता था। औषधि निरीक्षक हिरेंद्र चौधरी ने बताया कि आरोपी के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है। इनकी जांच की जा रही है। इस पूरे गिरोह का जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा।
Updated on:
29 Sept 2024 02:55 pm
Published on:
29 Sept 2024 02:00 pm
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