
86 बच्चों के आंगनबाड़ी में 9 रोटी और 29 बच्चों के आगनबाड़ी में सिर्फ 7, बच्चे भी नहीं पहुंच रहे
हरदा. मध्य प्रदेश के हरदा जिले में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की भोजन व्यवस्था समूहों की मनमानी से चल रही है। इसमें नियम कायदों का कोई न तो ध्यान रखा जा रहा है और न ही इसके अफसर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। यही वजह है कि, आपसी सांठगांठ से बच्चों के हक का निवाला भी उनसे छीना जा रहा है। भोजन और नाश्ते की वितरण व्यवस्था को दो जगह की निरीक्षण से समझिए।
केस नंबर - 1
जनपद पंचायत परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 47 में सुबह साढ़े 11 बजे तक एक भी बच्चा नहीं आया। यहां स्टील के तशलों में नाश्ते के लिए मिली करीब एक किलो खिचड़ी रखी थी। एक अन्य तशले में आलू, गोभी, भटे की मिक्स करीब 850 ग्राम सब्जी रखी थी। इसके साथ 7 रोटियां भी थीं। यहां बच्चे बाहेती कॉलोनी से आते हैं, जो कभी कभी ही आते हैं। छात्रों के परिवारों से पता चला कि, स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण बच्चे रेगुलर नहीं जा पाते।
केस-2
नया बस स्टैंड के पास कुल हरदा स्कूल परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में 86 बच्चों के नाम दर्ज हैं। लेकिन, यहां कभी 20 से ज्यादा छात्र नहीं आते हैं। साढ़े 11 बजे केवल दो बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में मौजूद थे। यहां औसतन रोज आने वाले बच्चों की संख्या 20 बताई जा रही है। इसके लिए 9 रोटी समूह द्वारा बनाकर रखी गई है। आलू, गोभी, भटे की मिक्स सब्जी और खिचड़ी रखी थी।
ये है दावा
शहर की 10 आंगनबाड़ी केंद्रों में गंगा स्व सहायता समूह भोजन और नाश्ता मुहैय्या कराता है। जिसने हर केंद्र पर 20-20 रोटी, दाल, सब्जी और खिचड़ी देने का दावा किया। ये भी कहा कि, हम भोजन लेकर जाते हैं, जिस केंद्र पर जिसे जितना लगता है, वे खुद अपने हाथ से उतना ले लेते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, हम कभी भी रोटियां गिनकर नहीं देते। कहां कितने बच्चे आए या कितने आने की उम्मीद है, कितनों के लिए भोजन दिया, इसका हिसाब किताब कैसे रखा जाता है। इस संख्या का सत्यापन या मानिटरिंग कौन कैसे करता है, इसका कोई जवाब महिलाएं नहीं दे पायीं।
Published on:
31 Oct 2022 05:17 pm
बड़ी खबरें
View Allहरदा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
