
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: नागरिकों पर संपत्ति और जल सहित अन्य कर लगातार बढ़ाने के बाद भी नगरपालिका की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान नपा के करीब 550 अधिकारी कर्मचारियों सहित उनके परिजनों को आर्थिक तंगी के रुप में हर माह उठाना पड़ रहा है। नगरपालिका के इन कर्मचारियों को बीते दो महीनों का वेतन नहीं दिया गया है। यह राशि करीब 2.50 करोड़ रुपए है। हरदा की नगरपालिका 1867 में बनी है।
अभी यहां सभी विभागों के कर्मचारियों की संख्या करीब 550 है। इनमें दैनिक वेतन भोगी, स्थायी कर्मचारी, विनियमित और आउट सोर्स से रखे गए कर्मचारी भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों को बीते 5-6 से महीनों से समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है, जिससे उन पर आश्रित परिजन तीज त्योहार भी उधारी में या तंगी में मनाने को विवश हैं।
कर्मचारी हितों की नेतागिरी करने वाले विभिन्न संगठन भी इस मुद्दे पर चुप हैं। कर्मचारियों ने कहा कि बीते महीने में गणेशोत्सव भी वेतन नहीं मिलने से फीका रहा। इसके बाद श्राद्ध पक्ष में भी बाजार में साहूकारों से 10 से 15 प्रतिशत की दर पर रुपए उधार लेकर काम चलाना पड़ा।
नवरात्रि में भी पिछले माह का वेतन नहीं मिला,जिससे अब परेशानी ज्यादा बढ़ गई। कर्मचारियों का कहना है कि हर माह दूध, बिजली, किराना, स्कूल फीस, ऑटो किराया, पेट्रोल, सब्जी सहित अन्य खर्चे होते हैं। छोटे कर्मचारियों की पगार भी 7500 से 11 हजार रुपए के बीच है,ऐसे में परिवार की गुजर बसर में भी दिक्कत आ रही है। महंगाई के चलते न चाहते हुए भी कई कर्मचारी साहूकारों के कर्जदार बनते जा रहे हैं।
वेतन में हर माह होने वाली देरी को लेकर हर बार नपा कर्मचारियों को यही तर्क देती है कि राज्य सरकार ने चुंगी की राशि में कटौती कर दी है। सरकार पहले हरदा की नपा को करीब हर माह एक करोड़ रुपए चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि देती थी,जिसमें नपा 25 लाख रुपए मिलाकर वेतन बांटती थी। अब सरकार बिजली बिल की राशि करीब 28-30 लाख रूपए काट लेती है। अन्य मदों में भी कटौती हो रही है। इस कारण अब नपा को चुंगी की राशि केवल 70 से 75 लाख रुपए ही मिल पा रही है। वहीं शहर में राजस्व अमला वसूूली में भी ढिलाई बरत रहा है।जिससे नपा की आर्थिक स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं आने की बात कही जा रही है।
नगरपालिका के सफाई सहित अन्य कर्मचारी अंदरुनी तौर पर अब हड़ताल की रणनीति अपनाने पर विचार कर रहे हैं। कर्मचारियों का मानना है कि त्योहार से पहले उनके इसी निर्णय से नपा पर दबाव बन पाएगा,तभी उन्हें पगार मिल पाएगी। नपा सूत्रों की मानें तो राजस्व अमली की ढिलाई पर सीएमओ और अध्यक्ष टैक्स की बकाया वसूली सख्ती से और जल्दी करने के लिए मंगलवार को फटकार लगाई है। जिससे कर्मचारियों को त्योहार से पहले अगस्त व सितंबर माह का वेतन दिया जा सके।
हम कर्मचारियों को वेतन देने के लिए वसूली पर फोकस कर रहे हैं। राजस्व अधिकारियों को बकाया कर वसूली के लिए चेतावनी दी है। चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में कटौती से यह परेशानी बढ़ी है। हर माह 550 कर्मचारियों पर औसतन सवा करोड़ रुपए वेतन की राशि खर्च होती है।- कमलेश पाटीदार, सीएमओ
Published on:
01 Oct 2025 05:02 pm
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