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Bird Diseases Prevention Tips : क्या आप जानते हैं पक्षी आपके घर ला सकते हैं ये 5 बीमारियां

Pakhiyon Se Failne Wali Bimariyan : कबूतर, गौरैया जैसे आम पक्षी भी इंसानों में बीमारियां फैला सकते हैं। जानें कैसे रहें सावधान, क्या करें सफाई के उपाय और कैसे रखें खुद को सुरक्षित।

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भारत

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Manoj Vashisth

Oct 13, 2025

Bird Diseases Prevention Tips

Bird Diseases Prevention Tips : पक्षियों से फैलने वाली बीमारियां (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Bird Diseases Prevention Tips : पक्षी हमारे आस-पास की दुनिया को और खूबसूरत बना देते हैं उनकी चहचहाहट और उड़ान से घर-आंगन में जान सी आ जाती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे घरों या शहरों के आसपास रहने वाले कुछ आम पक्षी, जैसे कबूतर या गौरैया, कभी-कभी बीमारियां भी फैला सकते हैं। छतों पर बैठे कबूतरों से लेकर अटारी में घोंसला बनाने वाली गौरैया तक, ये पक्षी अनजाने में कुछ ऐसे कीटाणु फैला देते हैं जो इंसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि हम इनके बारे में जागरूक रहें आसपास सफाई रखें, पक्षियों के मल या घोंसलों को सावधानी से साफ करें और जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह लें। इस तरह आप पक्षियों का आनंद भी ले सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रख सकते हैं।

पक्षियों से फैलने वाली बीमारियां : Pakhiyon se Failne Wali Bimariyan

सिटाकोसिस

सिटाकोसिस, जिसे तोता बुखार भी कहा जाता है एक जीवाणु संक्रमण है जो संक्रमित पक्षियों, विशेष रूप से तोते, पैराकीट और कॉकटिल के मल, पंखों या नाक के स्राव के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकता है।

मनुष्यों में बुखार, ठंड लगना, थकान और निमोनिया जैसे लक्षण हो सकते हैं। हालांकि एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज संभव है, लेकिन इनसे बचना बेहतर है। अगर आपके पास पालतू तोते हैं, तो उचित स्वच्छता बनाए रखें और बिना सुरक्षा के जंगली पक्षियों को छूने से बचें।

हिस्टोप्लास्मोसिस

हिस्टोप्लास्मोसिस एक फंगल संक्रमण है जो कबूतरों और स्टार्लिंग जैसे पक्षियों के मल से जुड़ा होता है। यह फंगस मल से दूषित मिट्टी में पनपता है और हवा में फैल जाता है, जिससे साँस लेने पर मनुष्यों को संक्रमित होने की संभावना होती है।

इसके लक्षण हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर गंभीर श्वसन समस्याओं तक हो सकते हैं। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को विशेष रूप से खतरा होता है। जगहों को साफ रखना और अटारी, छतों और आंगन में पक्षियों के मल के जमाव को रोकना संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है।

साल्मोनेलोसिस

साल्मोनेला केवल भोजन से फैलने वाला रोगाणु नहीं है, यह पक्षियों से भी आ सकता है। पिछवाड़े में पलने वाले मुर्गे, जंगली गौरैया, कबूतर और फाख्ते साल्मोनेला बैक्टीरिया ले जा सकते हैं, जो सतहों, भोजन या जल स्रोतों को दूषित कर सकते हैं।

मनुष्यों में यह दस्त, बुखार, पेट में ऐंठन और उल्टी का कारण बन सकता है। बुनियादी स्वच्छता, पक्षियों को छूने के बाद हाथ धोना और मुर्गीघरों को साफ रखना जोखिम को कम करने के लिए जरूरी है।

एवियन इन्फ्लूएंजा

एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है जो जंगली जलपक्षियों और घरेलू मुर्गियों द्वारा फैलता है। संक्रमित पक्षियों या उनके मल के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों में फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं।

स्वास्थ्य अधिकारी बीमार पक्षियों के संपर्क से बचने, सुरक्षात्मक उपकरण पहनने और अपने क्षेत्र में होने वाले प्रकोपों ​​के बारे में जानकारी रखने की सलाह देते हैं।

क्रिप्टोकॉकोसिस

अमेरिकी शहरों में आम तौर पर पाए जाने वाले कबूतर क्रिप्टोकॉकस नामक एक कवक ले जा सकते हैं, जो उनके मल में पनपता है। मनुष्य इसके बीजाणुओं को सांस के जरिए अंदर ले सकते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं, सिरदर्द और गंभीर मामलों में मेनिन्जाइटिस हो सकता है।

कबूतरों के मल को सुरक्षात्मक उपकरणों से साफ करना और कबूतरों से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों से बचना सबसे अच्छा बचाव है।

ई. कोलाई और अन्य आंतों के बैक्टीरिया

सीगल, गौरैया और कबूतर जैसे पक्षी ई. कोलाई और कैम्पिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया ले जा सकते हैं। ये रोगाणु पानी, मिट्टी या भोजन की सतहों को दूषित कर सकते हैं, जिससे मनुष्यों में जठरांत्र संबंधी रोग हो सकते हैं।

भोजन को ढकना, पक्षियों के दानों को साफ करना और पक्षियों द्वारा दूषित क्षेत्रों से बचना जैसे सरल उपाय प्रभावी निवारक कदम हैं।

एलर्जी और अस्थमा ट्रिगर

भले ही पक्षी संक्रामक रोग न फैला रहे हों, उनके पंख, मल और रूसी एलर्जी पैदा कर सकते हैं या अस्थमा को बदतर बना सकते हैं। नियमित सफाई, घर के अंदर HEPA फ़िल्टर और पक्षियों के घोंसलों को रहने की जगह से दूर रखने से जोखिम कम हो सकते हैं।

पक्षियों के आसपास सुरक्षित रहने के व्यावहारिक सुझाव

सुरक्षित दूरी बनाए रखें: जंगली पक्षियों और उनके मल के सीधे संपर्क से बचें।

सुरक्षित रूप से सफाई करें: पक्षियों के मल वाले क्षेत्रों की सफाई करते समय दस्ताने और मास्क पहनें।

अपने आंगन की देखभाल करें: अटारी, बालकनियों और छतों से पुराने घोंसलों को हटा दें।

अपने पालतू जानवरों की सुरक्षा करें: पक्षी बिल्लियों और कुत्तों को भी संक्रमण फैला सकते हैं।

अच्छी स्वच्छता का पालन करें: पक्षियों को छूने या दानों को साफ करने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं।

पक्षी-रोधी उपायों का उपयोग करें: जाल, स्क्रीन और निवारक उपाय पक्षियों को अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों से दूर रख सकते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।