
Air Pollution Side Effects (photo- freepik)
Air Pollution Side Effects: अब तक हम यही जानते थे कि खराब हवा फेफड़ों और दिल को नुकसान पहुंचाती है, लेकिन अब एक नई रिसर्च ने साफ कर दिया है कि हवा में मौजूद बेहद बारीक प्रदूषक कण (Ultrafine Particles) हमारे पेट यानी गट को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। अमेरिका की UCLA Health की इस स्टडी ने बताया है कि ऐसे कण गट बैक्टीरिया को बिगाड़कर दिल की बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ा सकते हैं।
Environment International में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चूहों पर 10 हफ्तों तक प्रयोग किया। कुछ चूहों को साफ हवा में रखा गया, जबकि कुछ को हफ्ते में तीन दिन, रोज छह घंटे तक प्रदूषित हवा में सांस लेने दी गई। नतीजे हैरान करने वाले थे। जिन चूहों ने गंदी हवा में सांस ली, उनकी आंतों के बैक्टीरिया में बड़ा बदलाव देखने को मिला। साथ ही, उनके दिल की नसों में फैट जमा होने लगा, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इसके अलावा लिवर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ा और शरीर की कोशिकाओं में तनाव के संकेत भी मिले।
इस स्टडी के लीड लेखक डॉ. जीसस अराउजो के अनुसार, हवा की गंदगी सिर्फ दिल और फेफड़ों तक सीमित नहीं है। यह गट माइक्रोबायोम को बिगाड़कर लिवर पर दबाव डालती है और दिल की बीमारी को तेज कर देती है। आसान शब्दों में कहें तो जब गट बैक्टीरिया बिगड़ते हैं, तो शरीर में सूजन और तनाव बढ़ता है, जिसका सीधा असर दिल की नसों पर पड़ता है।
अगर इस रिसर्च को भारत की स्थिति से जोड़ें, तो चिंता और बढ़ जाती है। देश के कई बड़े शहरों में AQI (Air Quality Index) अक्सर खराब से लेकर गंभीर श्रेणी में रहता है। दिल्ली, पटना, कानपुर, लखनऊ जैसे शहरों में सर्दियों के समय AQI 300-400 तक पहुंच जाता है। इसका मतलब है कि यहां रहने वाले लोग रोजना अल्ट्राफाइन कणों को सांस के जरिए शरीर में ले रहे हैं, जो धीरे-धीरे पेट, लिवर और दिल तीनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खराब हवा का असर तुरंत दिखाई नहीं देता, लेकिन यह चुपचाप शरीर के अंदर तबाही मचाती है। पहले गट सिस्टम कमजोर होता है, फिर मेटाबॉलिज्म बिगड़ता है और आखिरकार दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
Updated on:
17 Dec 2025 09:05 am
Published on:
17 Dec 2025 09:04 am
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