
Breast Cancer Early Signs (photo- gemini ai)
Breast Cancer Early Signs: हम अक्सर सोचते हैं कि पीठ दर्द का कारण गलत पोस्चर, लंबे समय तक बैठना, या पुराना गद्दा होता है। लेकिन कभी-कभी यह सिर्फ मांसपेशियों की समस्या नहीं होती। कुछ मामलों में लगातार या बिना वजह होने वाला पीठ दर्द गंभीर बीमारी जैसे ब्रेस्ट कैंसर का इशारा भी हो सकता है। हालांकि यह कनेक्शन बहुत ही दुर्लभ है, लेकिन अगर समय पर समझ लें तो जल्दी पहचान और इलाज संभव है।
ट्रांसलेशनल ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं को मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर हुआ, उनमें करीब 6% ने सबसे पहले हड्डियों में दर्द महसूस किया, खासकर रीढ़ की हड्डी या निचले पीठ में, इससे पहले कि ब्रेस्ट में कोई ट्यूमर पता चलता। जब कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों तक फैलती हैं, तो यह हड्डियों को कमजोर कर देती हैं और आसपास की नसों पर दबाव डालती हैं। इस वजह से पीठ में गहरा, लगातार दर्द शुरू होता है, जो आराम या दवा लेने पर भी कम नहीं होता।
कैंसर से जुड़ा पीठ दर्द आम मांसपेशियों के दर्द से अलग होता है। यह लगातार बना रहता है और समय के साथ बढ़ता है।
अक्सर रात में या सोते समय दर्द ज्यादा महसूस होता है। कभी-कभी दर्द कूल्हे, पसलियों या जांघ तक फैल सकता है। अन्य लक्षण जैसे थकान, भूख कम लगना या वजन घटना भी हो सकते हैं।
जल्दी पहचान ब्रेस्ट कैंसर के इलाज और बचाव में बहुत मदद करती है। महिलाओं को नियमित रूप से ब्रेस्ट सेल्फ-एग्ज़ाम और सालाना मैमोग्राम करना चाहिए। अगर पीठ दर्द के साथ ब्रेस्ट में गांठ, स्तन से डिस्चार्ज, या त्वचा में बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर एक्स-रे, एमआरआई या बोन स्कैन से जांच कर सकते हैं कि कैंसर रीढ़ की हड्डी तक फैला है या नहीं।
मांसपेशियों का दर्द एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग या आराम से कम हो जाता है। कैंसर का दर्द लगातार बना रहता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। कभी-कभी नसों पर दबाव पड़ने से हाथ-पांव में झुनझुनी या कमजोरी भी हो सकती है।
अगर पीठ दर्द कुछ हफ्तों से ज्यादा लगातार बना रहे, या उसके साथ थकान, सूजन या ब्रेस्ट में बदलाव दिखे, तो डॉक्टर से जांच जरूरी है। समय पर जांच से हड्डियों में फैलाव या कैंसर जल्दी पता चल सकता है। याद रखें, ज्यादातर पीठ दर्द सामान्य होता है, लेकिन अगर यह असामान्य या लगातार हो तो इसे नजरअंदाज न करें। जल्दी पहचान और इलाज से इलाज के परिणाम बेहतर होते हैं और जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है।
Published on:
08 Nov 2025 12:15 pm
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