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Bad Habits That Damage Brain: दिमाग को दीमक की तरह खा रही हैं रोजमर्रा की ये आदतें

Bad Habits That Damage Brain: क्या आपने कभी सोचा है कि जितना हम अपने शरीर का ख्याल रखते हैं, उतना ही दिमाग का भी ख्याल रखना जरूरी है?क्योंकि हमारी याददाश्त और दिमाग की शक्ति भी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल और छोटी-छोटी आदतों से प्रभावित होती है।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 15, 2025

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Daily habits that harm brain health|फोटो सोर्स – Freepik

Bad Habits That Damage Brain: हम चाहते हैं कि हमारा शरीर फिट और हेल्दी रहे। इसके लिए हम कई तरह की डाइट भी फॉलो करते हैं, ताकि शरीर स्वस्थ बना रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जितना हम अपने शरीर का ख्याल रखते हैं, उतना ही दिमाग का भी ख्याल रखना जरूरी है?क्योंकि हमारी याददाश्त और दिमाग की शक्ति भी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल और छोटी-छोटी आदतों से प्रभावित होती है। हम अनजाने में कुछ ऐसी बातें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं, जो दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं।साइंटिफिक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि कुछ आदतें हमारे ब्रेन की कार्यक्षमता को प्रभावित करती हैं और याद रखने की शक्ति को धीरे-धीरे कम कर देती हैं।आइए जानते हैं वो 5 आम आदतें, जो आपकी मेमोरी और दिमाग पर दीमक की तरह असर डाल रही हैं।

दिमाग को दीमक की तरह खा रही हैं ये 5 रोजमर्रा की आदतें

नींद की कमी

अगर आप देर रात तक जागने और कम सोने के आदी हैं, तो सावधान हो जाइए। नींद की कमी से दिमाग को जानकारी को लंबे समय तक स्टोर करने में दिक्कत होती है। रिसर्च के मुताबिक, नींद पूरी न होने पर हिप्पोकैम्पस (Brain का वो हिस्सा जो मेमोरी कंट्रोल करता है) ठीक से काम नहीं करता। नतीजा नया सीखना और पुरानी बातें याद रखना दोनों मुश्किल हो जाते हैं।

दिन में ज्यादा सोना

थोड़ी देर दोपहर की नींद लेना दिमाग के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर आप रोजाना लंबे समय तक या बार-बार दिन में सोते हैं, तो यह नाइट स्लीप को खराब कर देता है। नींद का ये असंतुलन दिमाग की जानकारी स्टोर करने और याद करने की क्षमता को प्रभावित करता है।

एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का ज्यादा इस्तेमाल

साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश भी दिमाग़ पर असर डाल सकता है। स्टडीज़ बताती हैं कि बार-बार इसका इस्तेमाल करने से मुंह के हेल्दी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जो नाइट्रिक ऑक्साइड बनाने में मदद करते हैं। यह मॉलिक्यूल ब्रेन तक ब्लड फ्लो पहुंचाने में जरूरी होता है। जब ब्लड फ्लो कम होगा, तो याददाश्त और ब्रेन फंक्शन पर बुरा असर पड़ेगा।

हर समय मल्टीटास्किंग करना

काम एक साथ ज्यादा करने की आदत को अक्सर लोग स्मार्टनेस समझते हैं, लेकिन सच यह है कि बार-बार काम बदलने से ध्यान भटकता है और दिमाग पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ता है। इससे गलतियां बढ़ती हैं और याददाश्त कमजोर होती है। अगर आप फोकस करके एक-एक काम करें, तो दिमाग की क्षमता और मेमोरी दोनों बेहतर रहेंगी।

अकेलापन और सोशल आइसोलेशन

लंबे समय तक अकेले रहना या दूसरों से बातचीत न करना भी याददाश्त कमजोर करने की एक बड़ी वजह है। जब हम लोगों से बातचीत करते हैं, तो ब्रेन की कई नसें एक्टिव रहती हैं। वहीं, लंबे समय तक सोशल आइसोलेशन से दिमाग सुस्त होने लगता है और धीरे-धीरे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

दिमाग को हेल्दी रखने के लिए क्या करें?

  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
  • एक समय पर एक ही काम पर ध्यान दें।
  • माउथवॉश का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
  • दोस्तों और परिवार से बातचीत करते रहें।
  • सोने-जागने का रूटीन बैलेंस्ड रखें।