
Belly Fat Linked to Lower Brainpower in Men at Risk of AlzheimerS
रटगर्स हेल्थ के शोधकर्ताओं के अनुसार, पेट की चर्बी का दिमाग की सेहत और सोचने-समझने की क्षमता पर असर महिलाओं की तुलना में उन अधेड़ उम्र के पुरुषों में ज्यादा पड़ता है, जिनमें अल्जाइमर रोग का खतरा ज्यादा होता है।
अध्ययन में पाया गया कि जिन अधेड़ लोगों के परिवार में अल्जाइमर रोग का इतिहास रहा है, उनके पेट के अंगों (अग्नाशय, लीवर और पेट की चर्बी) में चर्बी की मात्रा उनके दिमाग के आकार और सोचने-समझने की क्षमता से जुड़ी होती है। यह अध्ययन "ओबेसिटी" नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में 204 स्वस्थ अधेड़ उम्र के लोगों को शामिल किया गया, जिनके माता-पिता में अल्जाइमर रोग था। इन लोगों के पेट के अंगों में चर्बी की मात्रा को MRI स्कैन के जरिए मापा गया।
अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. माइकल श्नाइडर बीरी ने बताया, "अधेड़ उम्र के उन पुरुषों में, जिनमें अल्जाइमर का खतरा ज्यादा था, उनके अग्नाशय में चर्बी ज्यादा होने का संबंध कम सोचने-समझने की क्षमता और दिमाग के छोटे आकार से पाया गया। यह इस बात का संकेत देता है कि पेट की चर्बी के अलग-अलग हिस्सों और दिमाग की सेहत के बीच शायद ***** आधारित संबंध हो सकता है।"
डॉ. बीरी रटगर्स ब्रेन हेल्थ इंस्टीट्यूट में हर्बर्ट और जैकलीन क्राइगर क्लेन अल्जाइमर रिसर्च सेंटर के निदेशक हैं।
यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि मोटापा सिर्फ वजन बढ़ने से नहीं, बल्कि शरीर में चर्बी कहां जमा होती है, इस बात से भी जुड़ा है। इससे यह पता चलता है कि शरीर में चर्बी का वितरण, सिर्फ शरीर का मास इंडेक्स (BMI) से ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है।
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में मोटापे से जुड़े दिमागी खतरों को समझने के लिए BMI से बेहतर तरीकों की जरूरत है।
Updated on:
28 Feb 2024 03:13 pm
Published on:
28 Feb 2024 03:12 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
