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Brain Disease: इस नई खोज से 55 मिलियन मरीजों को लाभ, इस दिमाग की बीमारी का मिनटों में चलेगा पता

Brain Disease: वैज्ञानिकों ने विकसित किया आसान ब्लड टेस्ट जिससे दिमाग की बीमारी का पता मिनटों में लगाया जा सकेगा। FDA-अनुमोदित टेस्ट से वयस्क मरीजों को जल्द निदान और इलाज का फायदा मिलेगा। जानिए कैसे यह खोज बदलेगी इलाज की दुनिया।

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भारत

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Dimple Yadav

Sep 09, 2025

Brain Disease

Brain Disease (Photo- freepik)

Brain Disease: दिमाग की गंभीर बीमारी Alzheimer’s आज पूरी दुनिया में लाखों लोगों को परेशान कर रही है। यह बीमारी धीरे-धीरे याददाश्त, सोचने समझने की क्षमता और व्यवहार को कमजोर कर देती है। इसके आगे बढ़ने पर इंसान रोजमर्रा के काम, जैसे खाना खाना या अपने करीबियों को पहचानना भी मुश्किल हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 55 मिलियन से ज्यादा लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं, जिसमें 60-70% केस Alzheimer’s के ही हैं।

अब तक Alzheimer’s का पता लगाने के लिए महंगे PET स्कैन या झंझट वाले स्पाइनल टैप की जरूरत पड़ती थी, जो हर जगह उपलब्ध नहीं होते। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही आसान और तेज तरीका खोज निकाला है। एक साधारण ब्लड टेस्ट से संभव हो जाएगा। इस टेस्ट की मदद से अब सिर्फ कुछ मिनटों में ही पता चल जाएगा कि व्यक्ति Alzheimer’s से ग्रस्त तो नहीं।

Alzheimer’s का पता मिनटों में लगाने वाला ब्लड टेस्ट

इस नए टेस्ट का नाम है Lumipulse G pTau217/β-Amyloid 1-42 Plasma Ratio। इसमें मरीज के खून में दो खास प्रोटीन – p-Tau217 और beta-amyloid 1-42 – की मात्रा देखी जाती है। जब ये प्रोटीन खून में विशेष अनुपात में मिलते हैं, तो यह Alzheimer’s बीमारी का साफ-साफ संकेत देते हैं। इससे डॉक्टर को बीमारी के पीछे की वजह समझने में मदद मिलती है, ना कि सिर्फ मरीज की तकलीफ के लक्षण देखकर अनुमान लगाने की।

55 मिलियन मरीजों को मिलेगी राहत

स्वीडन के लुंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट पर रिसर्च की है। 1,213 मरीजों पर जांच करने पर यह टेस्ट लगभग 92% सटीक निकला। यानी 92% मरीजों के सही रिजल्ट डॉक्टरों को मिल पाए। खास बात यह है कि यह टेस्ट अब FDA से मंजूरी भी मिल चुका है।

बीमारी का जल्दी पता लगाना क्यों जरूरी

इस टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सस्ता, आसान और कम समय में हो जाता है। इसके चलते छोटे-छोटे क्लीनिक और डॉक्टर भी अब Alzheimer’s का पता लगा पाएंगे। खासकर उन इलाकों में जहां बड़े अस्पताल या आधुनिक जांच सुविधाएं नहीं हैं। लेकिन ध्यान रखें, यह टेस्ट सिर्फ एक शुरुआती जांच है। इसके बाद डॉक्टर पूरी मेडिकल जांच और रोगी की हिस्ट्री के साथ मिलाकर सही इलाज तय करते हैं। इससे पहले की स्थिति और ज्यादा बिगड़े, इलाज जल्दी शुरू किया जा सकेगा।

छोटे क्लीनिक भी अब जांच कर सकेंगे

इस नई खोज से अब Alzheimer’s की जांच ज्यादा आसान और सस्ती हो गई है। जिससे लाखों लोगों को सही वक्त पर सही इलाज मिल सकेगा। यह एक बड़ी उम्मीद की किरण है उन परिवारों के लिए, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं।